कच्चे तेल की कीमत 77 डॉलर प्रति बैरल के पार, देश में भाव स्थिर

पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में बदलाव 24 अप्रैल के बाद से नहीं किया गया, कर्नाटक चुनाव का असर मान रहे जानकार.

कच्चे तेल की कीमत 77 डॉलर प्रति बैरल के पार, देश में भाव स्थिर

प्रतीकात्मक फोटो

खास बातें

  • भारत में 15 दिनों में नान-ब्रैंडेड पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें यथावत
  • अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल तेज़ी से महंगा हो रहा
  • ईरान से अमेरिका के न्यूक्लियर डील तोड़ने के फैसले का असर
नई दिल्ली:

अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव की वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ती जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान के साथ न्यूक्लियर डील तोड़ने के फैसले के ऐलान के बाद बुधवार को ब्रेन्ट क्रूड की कीमत प्रति बैरल 77 डालर के पार चली गई. यह नवंबर 2014 के बाद पहली बार है जब कच्चे तेल की कीमत 77 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली गई है. 

एक तरफ कच्चा तेल तेज़ी से महंगा हो रहा है, लेकिन पिछले 15 दिनों में सरकारी तेल कंपनियों ने भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. विशेषकर ऐसे समय पर जब पेट्रोल-डीज़ल की खुदरा कीमतों में रोज़ाना बदलाव आम बात हो चुकी है.

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इंडियन आयल के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक आखिरी बार नान-ब्रैंडेड पेट्रोल और नान-ब्रैंडेड डीज़ल की कीमतों में बदलाव 24 अप्रैल, 2018 को किया गया था. यानी पिछले 15 दिनों में नान-ब्रैंडेड पेट्रोल और नान-ब्रैंडेड डीज़ल की कीमतों में बदलाव नहीं किया गया. 

दिल्ली में 24 अप्रैल को नान-ब्रैंडेड पेट्रोल 74.50 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 74.63 रुपये प्रति लीटर किया गया जो 8 मई तक नहीं बदला गया. जबकि दिल्ली में नान-ब्रैंडेड डीज़ल 24 अप्रैल को 65.75 रुपये प्रति लीटर से 65.93 रुपये प्रति लीटर किया गया जो 8 मई तक नहीं बदला गया. 

VIDEO : दो साल में तीन गुने हुए दाम
ये महत्वपूर्ण है कि ये ऐसे वक्त पर हुआ है जब कर्नाटक में चुनावी अभियान चरम पर है. साफ है, कुछ जानकार 
इसे कर्नाटक चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं. हालांकि सरकार ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया है.


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