साइरस मिस्त्री (फाइल फोटो)
खास बातें
- मिस्त्री ने कहा, किसी भी भूमिका में लौटने में कोई रुचि नहीं
- टाटा समूह के हित किसी व्यक्ति विशेष या मेरे खुद के हितों से जरूरी
- कंपनी संचालन में हमेशा सर्वश्रेष्ठ मानदंडों को कायम रखने पर ध्यान
नई दिल्ली : साइरस मिस्त्री ने कहा कि टाटा समूह में किसी भी भूमिका में लौटने में उनकी कोई रुचि नहीं. मिस्त्री ने कहा कि उन्होंने कंपनी संचालन में हमेशा सर्वश्रेष्ठ मानदंडों को कायम रखने पर ध्यान दिया. मिस्त्री ने यह भी कहा कि टाटा समूह के हित किसी व्यक्ति विशेष या मेरे खुद के हितों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं. आपको बता दें कि टाटा संस ने साइरस मिस्त्री को समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने के एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के फैसले के खिलाफ दो दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
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टाटा समूह ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है. अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कार्यकारी चेयरमैन पद पर एन. चंद्रशेखरन की नियुक्ति को "अवैध" ठहराया था. मामले से जुड़े एक वकील ने कहा, "हमने एनसीएलएटी के फैसले को पूर्ण रूप से चुनौती दी है." याचिका में शीर्ष न्यायालय से अपीलीय न्यायाधिकरण के निष्कर्षों को खारिज करने या रद्द करने की मांग की गई है. अपीलीय न्यायाधिकरण ने माना था कि समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा की मिस्त्री के खिलाफ कार्रवाई उत्पीड़नकारी थी.
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एनसीएलएटी ने कहा था कि बहाली आदेश चार सप्ताह बाद प्रभावी होगा. निर्णय के अनुसार टाटा संस इस अवधि में चाहे तो निर्णय के विरुद्ध अपील कर सकती है. अपीलीय न्यायाधिकरण ने टाटा संस को पब्लिक फर्म से बदलकर प्राइवेट फर्म बनाने की कार्रवाई को भी रद्द कर दिया. एनसीएलएटी ने टाटा संस को मिस्त्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया है. मिस्त्री परिवार के पास टाटा संस में 18 प्रतिशत हिस्सेदारी है. शेष 81 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट और टाटा समूह की कंपनियों के साथ टाटा परिवार के सदस्यों के पास है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)