'दलाई लामा हमारे दोस्त हैं, चीन कौन होता है दखल देने वाला': कांग्रेस सांसद के इस बयान पर संसद में बजी तालियां

'दलाई लामा हमारे दोस्त हैं, चीन कौन होता है दखल देने वाला': कांग्रेस सांसद के इस बयान पर संसद में बजी तालियां

दलाई लामा इन दिनों अरुणाचल प्रदेश की नौ दिवसीय धार्मिक यात्रा पर हैं. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • दलाई लामा के मुद्दे पर लोकसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष एकजुट नजर आया.
  • अरुणाचल से सांसद निनोंग इरिंग ने कहा, अरुणाचल प्रदेश एक संवेदनशील मामला.
  • दलाई लामा हमारे दोस्त हैं... मेहमान हैं- निनोंग इरिंग
नई दिल्‍ली:

तिब्बत के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा की मौजूदा अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन की आपत्ति को खारिज करने में शुक्रवार को लोकसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष एकजुट नजर आया. कांग्रेस के एक सदस्य ने दलाई लामा को भारत का दोस्त बताने के साथ ही कड़े शब्दों में कहा 'चीन कौन होता है भारत के मामलों में दखल देने वाला?' उनकी इस बात का सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने मेजे थपथपाकर स्वागत किया.

लोकसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य और अरुणाचल प्रदेश से सांसद निनोंग इरिंग ने कहा, 'अरुणाचल प्रदेश एक संवेदनशील मामला है. चीन उस पर दावा करता है. चीन कौन होता है दावा करने वाला? चीन कौन होता है हमें यह बताने वाला कि केंद्र सरकार को कैसे काम करना चाहिए?' उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा, 'दलाई लामा हमारे दोस्त हैं... मेहमान हैं... उन्होंने भारत में शरण ली है और हम आज भी उन्हें तिब्बती परिषद का नेता मानते हैं'. इरिंग की इस बात का सत्ता पक्ष के साथ ही लगभग समूचे विपक्षी सदस्यों ने मेजें थपथपाकर समर्थन किया.

उल्लेखनीय है कि दलाई लामा इन दिनों अरुणाचल प्रदेश की नौ दिवसीय धार्मिक यात्रा पर हैं.

चीन ने कल भारत पर आरोप लगाया था कि उसने दलाई लामा को अरुणाचल का दौरा करने की इजाजत देकर 'तनाव बढ़ाया' है और बीजिंग के हितों को नुकसान पहुंचाया है.

इस विवाद के बीच चीन की सरकारी मीडिया ने गुरुवार को भारत को चेतावनी दी थी कि अधिक सैन्य ताकत वाला चीन 'भूराजनीतिक खेल' शुरू कर सकता है, क्योंकि भारत के 'अशांत उत्तरी प्रांत' की सीमा उससे लगी हुई है. उसका इशारा कश्मीर की तरफ था.

सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' ने अपने एक संपादकीय में कहा था, 'भारत से कई गुना अधिक जीडीपी, हिंद महासागर तक पहुंच रखने में सक्षम सैन्य क्षमता और भारत के पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध और यह कि भारत के उत्तरी अशांत प्रांत की सीमा चीन से मिलती है, इन सब बातों के मद्देनजर चीन भारत के साथ भूराजनीतिक खेल में शामिल होता है तो क्या बीजिंग नई दिल्ली के समक्ष हार जाएगा?' अखबार ने कहा, 'अगर भारत चीन-भारत संबंधों को बर्बाद करता है और दोनों देश खुले प्रतिद्वंद्वी बन जाते हैं तो क्या भारत इसके परिणाम का वहन कर सकता है.'


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