यह ख़बर 24 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मेरे प्रिय रमेशजी : नरेंद्र मोदी का संबोधन अपने 'धुरविरोधी' के लिए

अहमदाबाद:

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मुखर आलोचक और केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को एक समारोह का आमंत्रण देकर उलझन में डाल दिया है।

मोदी ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को गुजरात में नर्मदा बांध के सामने बनाई जाने वाली 182 मीटर ऊंची सरदार वल्लभभाई पटेल की विशालकाय प्रतिमा ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ के 31 अक्तूबर को होने वाले भूमिपूजन समारोह के लिए आमंत्रित किया है।

रमेश अकसर मोदी पर निशाना साधते रहे हैं और उनकी तुलना ‘भस्मासुर’ से कर चुके हैं। कांग्रेस नेता को ‘मेरे प्रिय रमेशजी’ के संबोधन के साथ भेजे निमंत्रण पत्र में मोदी ने कहा कि इस परियोजना का संरक्षक सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस संस्था को सरकार से एक निश्चित दूरी पर रखा गया है।

मोदी ने रमेश को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हमारा विश्वास है कि यह स्मारक हमारे महान देश की संस्कृति और सामाजिक जीवन का महत्वपूर्ण आधारस्तंभ बनेगा और हमने इस संस्था को सरकार से एक निश्चित दूरी पर रखा है ताकि सभी क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों से सहयोग मिल सके।’’

हालांकि, मोदी ने पत्र में यह भी लिखा है कि वह ट्रस्ट के पदेन अध्यक्ष हैं जो गुजरात सरकार का ही एक निकाय है। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने पत्र के समापन में अपना व्यक्तिगत शुभकामना संदेश भी लिखा।

रमेश ने एक बार कहा था कि गुजरात के मुख्यमंत्री कांग्रेस के लिए वैचारिक और प्रबंध स्तर पर चुनौती हैं। यह बयान कांग्रेस नेतृत्व को रास नहीं आया था।

कुछ ही दिन पहले मोदी के ‘पहले शौचालय, फिर देवालय’ के बयान पर भी तंज कसते हुए रमेश ने कहा था कि केंद्र सरकार ने लाखों शौचालय बनाने का कार्यक्रम शुरू किया था तब कुछ नेताओं को यह ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ था।

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मोदी ने पत्र में उल्लेख किया है कि नर्मदा जिले के केवडिया में सरदार सरोवर बांध के दक्षिण में साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी पर नर्मदा नदी के बीचोंबीच सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा। दावे के अनुसार यह न्यूयार्क के ‘स्टेचू ऑफ लिबर्टी’ से दोगुनी ऊंचाई वाली होगी और दुनियाभर में इस तरह के ढांचों की तुलना में अच्छे मानकों वाली होगी।