Click to Expand & Play
लखनऊ: हाथरस मामले को लेकर तीखी आलोचना झेल रही उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले को लेकर 19 एफआईआर(FIR) दर्ज की हैं जिनमें देशद्रोह, अंतरराष्ट्रीय साजिश (international conspiracy) और धार्मिक नफरत फैलाने जैसे आरोप लगाए गए हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने दावा किया था कि जो लोग राज्य की तरक्की से खुश नहीं हैं वो लोग हाथरस मामले का इस्तेमाल राज्य के खिलाफ साजिश करने में कर रहे हैं. मुख्यमंत्री के इस बयान के 24 घंटे बाद ही ये 19 एफआईआर दर्ज की गई हैं.
एफआईआर में जो आरोप दर्ज किए गए हैं उनमें देशद्रोह, षडयंत्र, जातिगत अलगाव, धार्मिक भेदभाव, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य दर्ज करना, राज्य के खिलाफ साजिश और मानहानि शामिल हैं. इन आरोपों का मतलब है कि प्रशासन का मानना है कि यह एक दलित महिला से गैंगरेप और प्रताड़ना जैसे जघन्य वारदात से कहीं अधिक है. पीड़िता की पिछले हफ्ते मौत हो गई थी.एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हाथरस में एक गहरी साजिश है, हम सच का पता लगाएंगे.' और जैसे कि विपक्षी नेता पीड़िता के परिवार मिलने पहुंच रहे हैं, तो यूपी पुलिस ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन का लेकर भी मामला दर्ज किया है.
योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में बीजेपी नेताओं को सावधान करते हुए कहा था कि उनकी सरकार के खिलाफ साजिश हो रही है और जातीय और धार्मिक दंगे भड़काने की कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि 'वो लोग देश और राज्य में जातीय और सांप्रदायिक दंगे भड़काना चाहते हैं और विकास रोकना चाहते हैं.' हाथरस में हुई जघन्य वारदात से निपटने के तरीके को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार और यूपी पुलिस को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.
हाथरस: आप सांसद संजय सिंह और विधायक राखी बिड़लान पर फेंकी गई काली स्याही
पीड़ित महिला का ऊंची जाति के चार लोगों ने 14 सितंबर को उत्पीड़न किया था जिससे उसे कई गंभीर चोटें भी आई थीं और यहां तक कि उसकी जीभ भी काट दी गई थी. महिला की शिकायत पर भी ठीक से कार्रवाई नहीं करने की आरोपी यूपी पुलिस का कहना है कि मामले में कोई रेप या गैंगरेप नहीं हुआ. योगी आदित्यनाथ प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप है. पीड़िता की मौत के बाद यूपी पुलिस उसके शव को ले गई और जबदस्ती उसका अंतिम संस्कार कर दिया. परिवार की लाख मिन्नतों के बावजूद पुलिस ने उन्हें शव नहीं सौंपा.