यह ख़बर 03 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

रक्षा मंत्रालय पर फिर छाया भूमि घोटाले का साया

खास बातें

  • मंत्रालय की जांच में पाया गया कि निजी कारोबारियों को श्रीनगर वायुसेना अड्डे की जमीन सहित रक्षा भूमि देने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया।
नई दिल्ली:

रक्षा मंत्रालय एक और भूमि घोटाले के चलते विवादों में आ गया है। मंत्रालय की आंतरिक जांच में पाया गया है कि निजी कारोबारियों को श्रीनगर वायुसेना अड्डे की जमीन सहित रक्षा भूमि देने के लिए नियमों का उल्लंघन कर करीब 70 तदर्थ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए गए। रक्षा मंत्रालय ने उच्चाधिकार समिति से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउने ने बताया कि रक्षा संपदा संगठन के कुछ अधिकारियों ने कुछ तदर्थ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए। इस मामले में जांच जरूरी है। रक्षा मंत्रालय का एक उच्चाधिकार प्राप्त दल वहां गया था जिसने इस मामले की जांच की है। सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर में रक्षा संपदा संगठन ने निजी अचल संपत्ति कारोबारियों को करीब 70 अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए। ऐसे अंतिम चार अनापत्ति प्रमाण पत्र वायुसेना की उस जमीन के लिए दिए गए जिस पर श्रीनगर वायुसेना अड्डा बना है। रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है। सूत्रों के अनुसार, जांच में पाया गया कि राज्य सरकार के अधिकारियों की मिलीभगत में रक्षा संपदा संगठन के अधिकारियों ने वायुसेना अड्डे और 15वीं कोर के मुख्यालय की तथा उसके आसपास की भूमि बेचने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिए।


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