यह ख़बर 02 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

प्रणब के बाद एंटनी के दफ्तर में भी उड़ी जासूसी की खबर

खास बातें

  • एंटनी के दफ्तर में जासूसी किए जाने की खबरें आने के बाद सरकार ने इसे मामूली विसंगतियां बताया है। हालांकि इंटेलिजेंस ब्यूरो मामले की जांच कर रहा है।
नई दिल्ली:

कहीं से यह ख़बर उड़ी कि रक्षा मंत्री एके एंटनी के दफ्तर की जासूसी हो रही है। सरकार ने बाद में इसका खंडन किया। लेकिन यह दूसरा मौका है जब सरकार के किसी बड़े मंत्री के दफ्तर में जासूसी से जुड़े शक और सवाल पैदा हुए हैं।

रक्षामंत्री एके एंटनी के दफ्तर में जासूसी किए जाने की खबरें आने के बाद सरकार ने इसे मामूली विसंगतियां बताया है। हालांकि इंटेलिजेंस ब्यूरो मामले की जांच कर रहा है। इससे पहले, 16 फरवरी को एंटनी के ऑफिस में जासूसी का पता चलने की खबरें आई थीं, जिसके बाद रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा ने मामले की जांच के आदेश दिए। पूरे मामले की जांच का जिम्मा आईबी को सौंपा गया है। इस मामले का पता सेना के उन दो जवानों को चला, जिनके पास टेलीफोन लाइन की देखरेख का जिम्मा था।

इस मामले के सामने आने के बाद रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने सेना के जवानों से टेलीफोन लाइन चेक कराने से इनकार कर दिया। यह मामला सेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय के बीच हुए विवाद के बाद सामने आया है, हालांकि सेना ने इस केस में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। पिछले साल वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की जासूसी की बात भी सामने आई थी, जब उनके दफ्तर से कुछ चिपचिपा पदार्थ मिला था। उस मामले की जांच के आदेश वित्त मंत्रालय ने दिए थे।

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उल्लेखनीय है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जनरल वीके सिंह की उम्र के मुद्दे को लेकर सेना और रक्षा मंत्रालय के बीच लंबी चली जंग के शांत होने के तुरंत बाद उभरा।  जनरल सिंह की उम्र का मुद्दा तब हल हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी को उन्हें अपनी याचिका वापस लेने के लिए बाध्य किया। न्यायालय ने उन्हें 10 मई, 1950 को अपनी जन्मतिथि स्वीकार करने को कहा। सेना ने अभी इस घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की है। पिछले साल, वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यालय को लेकर इसी तरह की घटना की रिपोर्ट आई थी। वहां से कथित रूप से ‘स्नूपिंग डिवाइसेज’ पाए गए थे।