इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री सर्विसेज के 13 अधिकारियों पर गिरी गाज

कामकाज में ढिलाई और खराब प्रदर्शन के मद्देनजर इंडियन आर्डिनेंस फैक्ट्री सर्विसेज के 13 अधिकारियों को रक्षा मंत्रालय ने समय से पहले रिटायर कर दिया है.

इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री सर्विसेज के 13 अधिकारियों पर गिरी गाज

सीएजी की रिपोर्ट में भी गोला-बारूद की कमी और गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाए गए थे (प्रतीकात्मक चित्र)

नई दिल्ली:

कामकाज में ढिलाई और खराब प्रदर्शन के मद्देनजर इंडियन आर्डिनेंस फैक्ट्री सर्विसेज के 13 अधिकारियों पर गाज गिरी है. रक्षा मंत्रालय ने आयुध निर्माण सेवा के ग्रुप-ए के 13 अधिकारियों को समय से पहले रिटायर कर दिया है. रक्षा मंत्रालय का मानना है कि इन अधिकारियों का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है. प्रदर्शन की जांच के लिए इस अधिकारियों को लंबी-चौड़ी स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुज़ारा गया जिसमें इनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाया गया. देश में सैन्य बलों के हथियार बनाने के लिए कुल 39 आयुध कारखाने हैं, जिनमें एक लाख से भी ज़्यादा कर्मचारी काम करते हैं.

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हालांकि हथियारों की गुणवत्ता और सेना के लिए गोलाबारूद की मात्रा, इन दोनों ही मोर्चों पर इन कारखानों का प्रदर्शन लचर रहा है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, गोला-बारूद और सैनिक साज़ो-सामान बनाने वाली आर्डिनेंस कंपनियों को अधिक जवाबदेह और उनकी गुणवत्ता सुधारने के लिए ही ये कदम उठाया गया है.
 
आपको ये भी बता दें कि पिछले महीने सीएजी यानी नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में भी गोला-बारूद की कमी और गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाए गए थे. बीते साल सेंट्रल एम्युनिशन डिपो, पुलगांव में भयावह आग लगी थी जिसमें दो सेना अधिकारियों समेत एक दर्जन से ज़्यादा लोगों की  जान गई थी. ऐसी कई दुर्घटनाओं के कारण गोला-बारूद के रखरखाव पर भी सवाल खड़े होते रहे हैं. अब रक्षा संबंधी मामलों में सरकार शेकटकर समिति के सुधारों को लागू कर रही है. जिसमें आयुध निर्माण जैसे सीधे युद्ध से सम्बन्ध न रखने वाले संगठनों का आकार कम किया जाएगा.
 


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