Delhi Pollution : वायु गुणवत्ता 'अत्यंत खराब', धीमी हवा और कम तामपान के चलते बदतर हो सकते हैं हालात

हवा की गति और धीमी पड़ने का अनुमान है इसलिए दिल्ली की वायु गुणवत्ता के अगले दो दिन में और खराब होने तथा ‘खराब’ से ‘अत्यंत खराब’ के बीच बनी रहने की आशंका है.

Delhi Pollution : वायु गुणवत्ता 'अत्यंत खराब', धीमी हवा और कम तामपान के चलते बदतर हो सकते हैं हालात

दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'अत्यंत खराब' की श्रेणी में पहुंच गई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

Delhi Pollution : दिल्ली में सोमवार को वायु गुणवत्ता ‘अत्यंत खराब' श्रेणी (air quality in very poor category) में पहुंच गई तथा तापमान के गिरने और हवा की गति मंद पड़ने के कारण इसके और खराब होने की आशंका है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 307 दर्ज किया गया. रविवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 268 था, शनिवार को यह 231, शुक्रवार को 137, गुरुवार को 302 और बुधवार को एक्यूआई 413 दर्ज किया गया था.

बता दें कि शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अच्छा', 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक', 101 से 200 के बीच ‘मध्यम', 201 से 300 के बीच ‘खराब', 301 से 400 के बीच ‘अत्यंत खराब' और 401 से 500 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर' श्रेणी में माना जाता है. विभाग ने बताया कि रात के वक्त हवा की गति मंद थी. दिन के वक्त हवा की अधिकतम गति 10 किमी प्रति घंटा रहने का अनुमान है.

विभाग ने बताया था कि हवा की गति और धीमी पड़ने का अनुमान है इसलिए दिल्ली की वायु गुणवत्ता के अगले दो दिन में और खराब होने तथा ‘खराब' से ‘अत्यंत खराब' के बीच बनी रहने की आशंका है. उसने बताया कि रविवार को न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. हवा की मंद गति और कम तापमान के कारण प्रदूषक तत्व जमीन की सतह के निकट एकत्रित हो जाते हैं जबकि हवा की अनुकूल गति होने पर उनके छितराव में मदद मिलती है.

दिल्ली के लिए केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि शहर का वेंटिलेशन इंडेक्स (वायु संचार सूचकांक) सोमवार को 2,500 वर्गमीटर प्रति सेकेंड और मंगलवार को 2,000 वर्गमीटर प्रति सेकेंड रहने का अनुमान है. वायु संचार सूचकांक 6,000 वर्गमीटर प्रति सेकेंड से कम और वायु की औसत गति दस किमी प्रति घंटे से कम रहने से प्रदूषक तत्वों के छितराव के लिए प्रतिकूल स्थितियां होती हैं.

फसल की कटाई का सीजन खत्म होने के साथ दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी भी कम हो गई है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर' के मुताबिक रविवार को दिल्ली के पीएम-2.5 स्तर में पराली जलाने की हिस्सेदारी छह प्रतिशत रही, शनिवार को यह चार प्रतिशत थी, शुक्रवार को दो प्रतिशत और बृहस्पतिवार को एक प्रतिशत थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)