दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल को छह महीने का कारावास, जुर्माना भी लगा

राऊस एवेन्यू कोर्ट ने जबरन एक घर में घुसने के मामले में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल सहित पांच को छह महीने कैद की सजा सुनाई

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल को छह महीने का कारावास, जुर्माना भी लगा

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को कोर्ट ने छह माह की सजा दी है.

खास बातें

  • सन 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान हुई थी घटना
  • पूर्वी दिल्ली की एक कॉलोनी के एक घर में घुसे थे गोयल
  • सुमित गोयल, हितेश खन्ना, अतुल गुप्ता, बलबीर सिंह को भी सजा
नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल को सन 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान एक घर में अवैध रूप से घुसने के मामले में दिल्ली की राऊस एवेन्यू अदालत ने शुक्रवार को 6 महीने की जेल और एक हजार रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई. अदालत ने एक लाख हजार रुपये के मुचलके पर रामनिवास गोयल समेत सभी पांच दोषियों को जमानत दे दी. दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल को सन 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान अवैध रूप से एक घर मे घुसने के आरोप में दिल्ली की राऊस एवेन्यू कोर्ट ने 11 अक्टूबर को दोषी करार दिया था. कोर्ट उनकी सजा का ऐलान आज किया. रामनिवास गोयल को पूर्वी दिल्ली की एक कॉलोनी में एक भवन निर्माता के मकान में जबरन घुसने के मामले में सजा दी गई है.

राऊस एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने गोयल और चार अन्य सुमित गोयल, हितेश खन्ना, अतुल गुप्ता और बलबीर सिंह को दोषी करार देते हुए कहा कि उनके खिलाफ आरोप बिना किसी संशय के साबित होते हैं. अदालत ने कहा कि ऐसे अपराध के प्रति हतोत्साहित करने के लिए इस मामले में सजा जरूरी है. अदालत ने छह महीने के साधाराण कारावास की सजा के साथ दोषियों पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. हालांकि, अदालत ने दोषियों को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देने के साथ सजा के खिलाफ उच्च अदालत में अपील करने की अनुमति दी.

अदालत ने सभी को भारतीय दंड संहित की धारा-448 (जबरन घर में घुसने) के तहत दोषी ठहराया लेकिन 72 वर्षीय रामनिवास गोयल ने अपने वकील मोहम्मद इरशाद के जरिए आरोपों से इनकार किया.

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बिल्डर मनीष घई की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के अनुसार दिल्ली विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले छह फरवरी 2015 की रात में गोयल और उनके समर्थक विवेक विहार स्थित घई के घर में जबरन घुस गए. प्राथमिकी के मुताबिक गोयल ने कथित तौर पर घई के घर में मतदान से पहले मतदाताओं को बांटने के लिए शराब, कंबल आदि होने के आरोप में छापेमारी की.

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आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे स्थानीय पुलिस के साथ घई के घर गए थे और इसकी जानकारी सहायक पुलिस आयुक्त और अन्य को पहले ही दे दी गई थी. पुलिस ने आरोप पत्र में कहा, ‘‘घई की शिकायत के मुताबिक कुछ मजदूर उनके विवेक विहार स्थित घर में रहते थे जिन्होंने छह फरवरी 2015 की रात करीब साढ़े नौ बजे गोयल और उनके समर्थकों के घर में घुसने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की जानकारी दी.''

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घई ने गोयल और उनके समर्थकों पर अलमारी, दराज, रसोई घर के सामान, खिड़कियों के शीशे और आईना तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि जब मजदूरों ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट भी की गई. आरोपियों के खिलाफ दंगा फैलाने, जबरन घर में घुसने और स्वेच्छा से नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज कराया गया था.

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(इनपुट भाषा से भी)