दिल्ली : स्कूलों के औचक निरीक्षण में सिसौदिया ने शिक्षक को पाया गायब, ब्लैकबोर्ड क्षतिग्रस्त

दिल्ली : स्कूलों के औचक निरीक्षण में सिसौदिया ने शिक्षक को पाया गायब, ब्लैकबोर्ड क्षतिग्रस्त

मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को ताबड़तोड़ चार औचक निरीक्षण किए। उन्होंने एक स्कूल, डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन (ईस्ट) के दफ्तर और डायरेक्टरेट ऑफ ट्रेनिंग एंड टेक्निकल एजुकेशन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मिलीं अलग-अलग गड़बड़ियों को लेकर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई।

शाम को स्कूल की छुट्टी होने से ठीक आधा घंटे पहले यानी 5.30 बजे वह आरएसकेवी पटपड़गंज पहुंचे। यहां उन्होंने हर क्लास रूम में जाकर बच्चों से बातचीत की और शिक्षकों की मौजूदगी की पड़ताल की। कुछ कक्षाओं में बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते दिखे। छुट्टी होने के बाद उन्होंने बच्चों से स्कूल ग्राउंड में बातचीत की। बच्चों ने पीने के पानी और टायलेट में सफाई न होने की शिकायत की।

कुछ अभिभावक भी स्कूल आ गए थे उन्होंने स्कूल में पर्याप्त अनुशासन न होने की बात कही। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों का अटेंडेंस रजिस्टर भी चेक किया। इस दौरान डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन (ईस्ट) सरोज बाला भी मौजूद रहीं। सिसोदिया ने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि पीने के पानी, सफाई, बच्चों के लिए बेंच इत्यादि की व्यवस्था जल्द हो जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वो एक हफ्ते बाद वह इस स्कूल का फिर से दौरा करेंगे।

इससे पहले मनीष सिसोदिया डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन (ईस्ट) के दफ्तर गए। वहां उन्होंने कर्मचारियों से उनके कामकाज के बारे में पूछताछ की। दफ्तर में विजिलेंस से संबंधित अधिकारी-कर्मचारी कई सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। विजिलेंस के पास आने वाली शिकायतें रजिस्टर पर हर दिन के हिसाब से दर्ज नहीं थीं। इस पर शिक्षा मंत्री ने संबंधित कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई।

दोपहर में उप-मुख्यमंत्री ने डायरेक्टरेट ऑफ ट्रेनिंग एंड टेक्निकल एजुकेशन का भी दौरा किया। इस दौरान शिक्षा सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव भी उनके साथ थीं। यहां उन्होंने विभिन्न विभागों में जाकर अधिकारियों और कर्मचारियों से उनका कामकाज पूछा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थान अपनी जरूरतों की फाइलें यहां भेजते हैं, लेकिन यहां की लापरवाही से फाइलें महीनों तक आगे नहीं बढ़ पातीं।

जीबी पंत पॉलिटेक्निक, ओखला का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां 500 स्टूडेंट्स पर केवल 2 शिक्षक हैं, जबकि 20 शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित फाइल महीनों से डायरेक्टरेट में घूम रही है। इस संबंध में एक डिप्टी डायरेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि आईटीआई और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के लैब कूड़े के ढेर में तब्दील हो गए हैं और मशीनों पर जाले लगे हुए हैं। यह बातें या तो आप लोगों को पता नहीं है, और अगर पता है तो आप लोगों को शर्म क्यों नहीं आ रही।

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सिसोदिया ने कल शाम जीबी पंत पॉलिटेक्निक का दौरा किया था। वहां स्टूडेंट्स ने बताया कि शिक्षक न होने के कारण उनका करियर चौपट हो रहा है। उन्होंने वहां की लैब का भी निरीक्षण किया था जहां कूड़े का ढेर था। स्टूडेंट्स ने यह भी बताया कि वहां कभी प्रैक्टिकल नहीं होता। शिक्षा मंत्री ने पिछले सप्ताह जीबी पंत की प्लेसमेंट ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया था। प्लेसमेंट ऑफिसर पर रिश्वत लेने का मामला सामने आया था।