नई दिल्ली: दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो में मचा घमासान अब हाइकोर्ट तक पहुंच चुका है। शनिवार को दिल्ली सरकार ने हाइकोर्ट में अपील कर उपराज्यपाल की तरफ से नियुक्त एसीबी चीफ मुकेश कुमार मीणा को एसीबी से हटाने की मांग की।
इस मामले में हाइकोर्ट सोमवार को सुनवाई कर सकता है। एक प्रेसवार्ता करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने कहा कि एडिश्नल कमिश्नर एस.एस. यादव भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं जबकि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एम.के. मीणा पर पर्दा घोटाला और हवाला जैसे आरोप हैं।
दरअसल दोनों आईपीएस अफसरों ने एक दूसरे पर बदसलूकी और धमकी देने जैसे आरोप लगाये हैं। झगड़ा एफआईआर रजिस्टर पर कब्जे को लेकर हुआ। अब मामला गृह मंत्रालय तक पहुंच गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृहमंत्रालय को इस विवाद पर एक सीक्रेट नोट भी लिखा है।
वहीं गाजियाबाद में जब पत्रकारों ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से जब इस विवाद के बारे में पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। कांग्रेस नेता अजय माकन का कहना है कि 2 आईपीएस अफसर बच्चों की तरह झगड़ा कर रहे हैं। ऐसा देश में कभी नहीं हुआ। इससे सबसे ज्यादा नुकसान दिल्ली की जनता को हो रहा है।
वहीं झगड़े के बाद दोनों आईपीएस अफसर एक दूसरे पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं और चिट्ठियां लिखी जा रही हैं। इन हालात में एसीबी का कामकाज ठप है।