नई दिल्ली: दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. इस बैठक की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया करेंगे. साथ ही इस बैठक में स्वास्थ्य और परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन और जल मंत्री कपिल मिश्रा के अलावा अलग-अलग विभाग के आला अधिकारी भी शामिल होंगे.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में ट्वीट कर कहा कि 'वायु प्रदूषण दिल्ली के स्वास्थ्य के गंभीर चिंता का विषय है. आज 1 बजे उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, युद्ध स्तर पर पर काम सुनिश्चित करने के लिए.'
असल में दिल्ली की आबोहवा दीवाली से पहले से ही खराब होनी शुरू हो गई थी. सर्दी के मौसम की शुरुआत, पंजाब और हरियाणा में फसलों के अवशेष से धुआं, और दिल्ली में दिल्ली से पहले के जाम से प्रदूषण का स्तर पहले से ही खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन दीवाली के पटाखे और हवा की गति कम रहने के चलते प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया.
दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, जिस PM 10 का स्तर एक क्यूबिक मीटर में 100 माइक्रो ग्राम से ज़्यादा नहीं होना चाहिए वह इस दीवाली पर 448 से 939 तक रहा, जबकि 2015 की दीवाली पर 296 से 778 और 2014 की दीवाली पर 421 से 790 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर रहा.
बेहद बारीक कण यानी PM 2.5 का स्तर जो एक क्यूबिक मीटर में 60 माइक्रो ग्राम से ज़्यादा नहीं होना चाहिए वह इस दीवाली पर 180 से 440 के बीच रहा, जबकि 2015 की दिवाली पर यह 184 से 369 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच में रहा.
हालांकि प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने हाल में कुछ पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की है, जिसमें पांच चौराहों पर एयर प्यूरीफायर और एक चैराहे पर मिस्ट फाउंटेन लगाकर इसके असर को जांचने की बात है. बीते साल हुए दिल्ली सरकार के ऐलान का ज़मीन पर कोई ख़ास असर नहीं दिखा तो ऐसे में नए कदम पर कितना भरोसा किया जाए ये सवाल उठना लाज़िमी है.