एनजीटी के आदेश पर यूपी व हरियाणा से दिल्ली सरकार की बैठक सोमवार को

अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो

नई दिल्‍ली:

दिल्ली में डीज़ल की 10 साल पुरानी गाड़ियों को जब्त करने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद हंगामा मचना शुरू हो गया है।

गुरुवार को एक तरफ इस आदेश के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों का गुस्सा नेशनल हाइवे नंबर 1 पर फूटा, तो दूसरी ओर दिल्ली सरकार ऐसी गाड़ियों को जब्त करने की मुहिम तेज करने के लिए सोमवार को उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों के साथ बैठक करने जा रही है। साथ ही सरकार ने एन्फोर्समेंट में स्टाफ की संख्या की कमी का हवाला देते हुए इस काम के लिए सिविल डिफेंस से 250 लोगों की मांग की है।

नेशनल हाइवे नंबर 1 पर जब गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने 10 साल पुरानी गाड़ियों को जब्त करने की मुहिम शुरू की तो ट्रांसपोर्टरों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने जाम लगाकर सड़कों पर गाड़ियों के टायर भी जलाए। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि उन्होंने टैक्स, पॉल्यूशन, परमिट और फिटनेस के पैसे एडवांस में जमा करा रखे हैं, सो, ऐसे में अचानक पाबंदी क्यों लगाई गई। ट्रांसपोर्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उन्हें मोहलत नहीं दी तो देशव्यापी हड़ताल की जाएगी।

ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष अजय सैनी ने कहा, "दुनिया में कहीं भी ऐसा नहीं होता... गाड़ियां खत्म करना समस्या का समाधान नहीं है... इस कदम से ट्रांसपोर्ट पर बुरा असर पड़ेगा, और महंगाई बढ़ेगी..." इस बीच, एक ड्राइवर राकेश कुमार ने कहा, "60 से 70 फीसदी ड्राइवर बेरोजगार हो जाएंगे... हमारे बच्चे कहां जाएंगे..."

उधर, दिल्ली सरकार गाड़ियों को जब्त करने की मुहिम तेज करने के मूड में है। सरकार के परिवहन विभाग ने छापेमारी के लिए सात टीमें गठित की हैं, जिसन्होंने 30 गाड़ियों को जब्त भी किया है, लेकिन अब सरकार के सामने मुश्किल यह है कि परिवहन विभाग के पास छापेमारी करने के लिए कुल 164 लोग हैं, जिनसे काम नहीं चल सकता, सो, इस कमी को देखते हुए सरकार ने सिविल डिफेंस से 250 का स्टाफ मांगा है।

दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय का कहना है कि सरकार के सामने दिक्कत यह भी है कि कहीं गाड़ियों की जब्ती में सख्ती दिखाने से ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल की नौबत न आ जाए, इसलिए सरकार फूंक-फूंककर कदम उठा रही है। वैसे, सोमवार को यूपी और हरियाणा के परिवहन विभागों के साथ एक बैठक भी होगी, और इसके अलावा केंद्र सरकार को मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव के लिए पत्र भी लिखा गया है, तथा पुलिस से भी मदद मांगी गई है।


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