दिल्ली : उधारी नहीं चुका पाने, इंश्योरेंस के पैसे के खातिर जिम मालिक ने रची अपनी मौत की झूठी कहानी, ऐसे हुआ पर्दाफाश

पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर दीपक के परिवार और सभी करीबियों से पूछताछ की, लेकिन दीपक का कोई सुराग नहीं लगा.

दिल्ली : उधारी नहीं चुका पाने, इंश्योरेंस के पैसे के खातिर जिम मालिक ने रची अपनी मौत की झूठी कहानी, ऐसे हुआ पर्दाफाश

दिल्ली के एक जिम मालिक ने रची अपनी मौत की झूठी कहानी

खास बातें

  • पत्नी के खाते से पैसे निकलने पर लगा सुराग
  • मोबाइल फोन बंद कर पैदल ही हरिद्वार निकला
  • पकड़ा गया उस वक्त वो साधु के भेष में मिला
नई दिल्ली:

दिल्ली के एक जिम मालिक और पेशे से प्रोपर्टी डीलर ने उधार के पैसे न चुका पाने और डेढ़ करोड़ की बीमा राशि पाने के लिए अपने ही अपहरण और मौत की साज़िश रची. वह अपनी कार को आग लगाकर लॉकडाउन के बीच दिल्ली से हरिद्वार पैदल ही निकल गया. रास्ते में किसी भंडारे में या किसी से मांग कर खाना खाता रहा. वो किसी तरह न तो अपने परिवार के संपर्क में था न किसी और के. जिससे ये लगे कि उसकी मौत हो चुकी है, लेकिन आखिरकार दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

डीसीपी रोहिणी प्रमोद कुमार मिश्रा के मुताबिक, आरोपी का नाम दीपक डबास है ,43 साल का दीपक चांदपुर माज़रा गांव का रहने वाला है. अपने गांव में वो प्रोपर्टी का काम करता है जबकि कंझावला में उसका एक जिम भी है. पुलिस के मुताबिक, 15 मई को जानकारी मिली कि कंझावला बवाना रोड पर एक कार पूरी तरह जल गई है. पुलिस मौके पर पहुंची तो एक डस्टर कार जली हुई हालात में मिली. जांच में पता चला कि ये कार दीपक डबास की है, लेकिन दीपक गायब मिला. दीपक के परिवार वालों ने बताया कि किसी ने दीपक का अपहरण कर लिया है और कार में आग लगा दी है. 

पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर दीपक के परिवार और सभी करीबियों से पूछताछ की, लेकिन दीपक का कोई सुराग नहीं लगा. जांच में ये पता चला कि दीपक ने अपने दोस्तों और कई करीबियों से काफी ज्यादा पैसा उधार ले रखा है. उसके सभी बैंक खातों पर पुलिस ने नज़र रखनी शुरू की. उसकी पत्नी के अकॉउंट से 19 मई को ढाई हज़ार रुपये यूपी के शामली से एचडीएफसी बैंक से निकाले गए. पुलिस टीम तुरंत शामली गई, उस एटीएम में कोई सीसीटीवी नहीं था. बस इतना पता चला कि एक शख्स आया था जो पैसे निकालकर चला गया. इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम हरिद्वार ,देहरादून और मसूरी के लिए रवाना हो गई. 

वहां पर सभी होटल चेक किये गए और लोगों से पूछताछ की गई. एक जून को पुलिस को जानकारी मिली कि दीपक हरिद्वार से दिल्ली आने वाली जनशताब्दी ट्रेन में बैठा है. मेरठ में दिल्ली पुलिस ने उसे ट्रेन के अंदर से पकड़ा लिया. दीपक कद काठी से एक मॉडल की तरह लगता था लेकिन जब वो पकड़ा गया उस वक्त वो साधु के भेष में था. 

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने अपना घर बनाने में करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपया खर्च कर दिया था, जिसमें 50 लाख रुपया उसने अपने करीबियों से उधार लिया था. इसके अलावा उसने 2 प्रतिशत ब्याज पर कई लोगों से डेढ़ करोड़ रुपया और उधार लिया हुआ था. वही पैसा दूसरे लोगों को ज्यादा ब्याज़ पर दे दिया था,जब लोग अपना ब्याज़ और पैसा मांगने लगे तो खुद की हत्या की झूठी साज़िश रची. 

आरोपी ने बताया कि उसने एक प्लास्टिक केन में डीज़ल लिया और पूरी गाड़ी पर छिड़ककर आग लगा दी. गाड़ी को जलता छोड़ वो वहां से भाग गया और फिर मोबाइल फोन बंद कर पैदल ही हरिद्वार निकल गया. रास्ते में भंडारों और लोगों से मांग मांग कर खाना खाता रहा ,वो शामली होते हुए 21 मई को 5 दिन पैदल चलकर हरिद्वार पहुंचा. 

आरोपी ने बताया कि उसने करीब डेढ़ करोड़ का बीमा कराया था. आर्थिक तंगी के चलते उसने पहले सुसाइड करने का फैसला किया, लेकिन बाद में उसने मन बदल लिया, उसे लगा कि वो गायब रहेगा और उसके परिवार को बीमा का पैसा मिल जाएगा. 

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