दिल्ली हिंसा: हाईकोर्ट ने केंद्र को एक महीने का दिया समय, सॉलिसिटर जनरल बोले- हेट स्पीच पर कार्रवाई का यह सही वक्त नहीं

पुलिस ने बताया कि अब तक 48 एफआईआर इस मामले में दर्ज हुई हैं.

दिल्ली हिंसा: हाईकोर्ट ने केंद्र को एक महीने का दिया समय, सॉलिसिटर जनरल बोले- हेट स्पीच पर कार्रवाई का यह सही वक्त नहीं

दिल्ली हिंसा में 200 से ज्यादा लोग घायल (फाइल फोटो)

खास बातें

  • मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र को बनाया पक्ष
  • याचिका पर चार हफ्ते के अंदर जवाब देने के लिए कहा
  • पुलिस ने बताया कि अब तक 48 एफआईआर इस मामले में दर्ज हुई हैं
नई दिल्ली:

दिल्ली हाई कोर्ट ने भड़काऊ या नफरत फैलाने वाले भाषणों (हेट स्पीच) के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जानकारी देने के लिए गुरुवार को केंद्र सरकार को एक महीने समय दिया है. आरोपों में कहा जा रहा है कि इन्हीं भाषणों की वजह से दिल्ली में हिंसा भड़की है. हिंसा में कम से कम 35 लोगों की मौत होने और 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है. एक दिन पहले, न्यायमूर्ति एस मुरलीधर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि हेट स्पीच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में देरी नहीं होनी चाहिए. पीठ ने चारों बीजेपी नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, अभय वर्मा और प्रवेश वर्मा के भाषण के वीडियो भी कोर्ट में चलवाए थे. कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर उसे फटकार लगाते हुए कहा था कि हम 1984 जैसे हालात फिर से बनने की अनुमति नहीं देंगे.

आज सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए और समय मांगते हुए कहा कि याचिकाकर्ता "सिर्फ कुछ चुनिंदा भाषणों को नहीं चुन सकता है."

उन्होंने कोर्ट को बताया, "याचिकाकर्ता ने सिर्फ  तीन चुनिंदा वीडियो का हवाला दिया है. मैं ध्यान दिलाना चाहता हूं कि याचिकाकर्ता याचिका में भाषणों का चयन नहीं कर सकता है. हमें इन भाषणों के अलावा भी कई और भाषण मिले हैं. भाषणों के मामले में हम सिलेक्टिव नहीं हो सकते हैं." 

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मेहता ने कहा, "मौजूदा परिस्थितियों में, अभी एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है. सही वक्ता पर पुलिस कार्रवाई करेगी. अभी ये समय इस तरह की कार्रवाई के लिए नहीं है."

याचिकाकर्ता हर्ष मंदर ने अपनी याचिका में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने वाले बीजेपी नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की थी. उनके वकील ने आज कोर्ट से बिना किसी देरी के इन लोगों की गिरफ्तार सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है. 

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हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायाधीश सी हरिशंकर की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद केंद्र को भड़काऊ भाषणों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जानकारी देने के लिए एक महीने का समय दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल होगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पक्ष बनाया है.

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वीडियो: SC पहुंचा दिल्ली हिंसा का मामला, बुधवार को सुनवाई