दिल्ली होईकोर्ट ने डीजीसीए को बिना जांच किए कुणाल कामरा पर प्रतिबंध को प्रमाणित करने को लेकर फटकार लगाई है.
खास बातें
- दिल्ली हाईकोर्ट ने डीजीसीए को लगाई फटकार
- डीजीसीए ने कामरा पर बिना जांच के लगाए प्रतिबंध को प्रमाणित किया-कोर्ट
- मामले में डीजीसीए आगे अपना पक्ष रखेगी
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि विमानन नियामक DGCA को इंडिगो के अलावा अन्य एयरलाइनों की कार्रवाई को ‘‘प्रमाणित'' नहीं करना चाहिए था. इंडिगो ने एक विमान में पत्रकार अर्णब गोस्वामी को कथित रूप से परेशान करने के लिए स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा पर जांच किए बिना अनिश्चितकालीन यात्रा प्रतिबंध लगा दिया था. न्यायमूर्ति नवीन चावला ने नियामक से कहा, ‘‘आपने (डीजीसीए) ट्विटर पर प्रमाण पत्र क्यों दिया? अपने ट्वीट को देखें. आपने कहा कि अन्य विमानन कंपनियों की कार्रवाई नागर विमानन आवश्यकताओं (सीएआर) के अनुपालन में थी. केवल इंडिगो ही नहीं, आपने दूसरों को भी प्रमाणपत्र दे दिया. आपको अपना ट्वीट वापस लेना चाहिए.''
कॉमेडियन कुणाल कामरा को 4 एयरलाइन्स ने किया बैन, पत्रकार को सवाल पूछकर कर दिया था परेशान
अदालत ने कहा, ‘‘आपको अब इस अदालत को संतुष्ट करना होगा कि उनकी (एयरलाइंस) कार्रवाई सीएआर के अनुरूप थी.'' DGCA की वकील ने कहा कि वह अदालत द्वारा उठाये गये सवाल पर निर्देश लेगी और मामले को सुनवाई के लिए 27 फरवरी को सूचीबद्ध करने का आग्रह किया जिस पर न्यायाधीश ने सहमति जताई.
कामरा ने अपनी याचिका में कहा कि इंडिगो ने आंतरिक समिति के किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले ही उन पर छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया जबकि अन्य एयरलाइनों-एअर इंडिया, स्पाइसजेट और गोएयर ने भी उन पर इस तरह का प्रतिबंध लगा दिया.
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कॉमेडियन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं विवेक तन्खा, गोपाल शंकरनारायण और मोहित माथुर ने उच्च न्यायालय का रुख कर DGCA को प्रतिबंध हटाने के लिए एयरलाइनों को निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया था.
उन्होंने सीएआर के कथित उल्लंघन में कार्रवाई करने के लिए एयरलाइंस के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है.
देखें Video: कुणाल कामरा ने IndiGo को भेजा नोटिस