हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीर भद्र सिंह (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय से उन दस्तावेजों को एक सीलबंद लिफाफे में रख कर अदालत में पेश करने को कहा है जिनके आधार पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ कथित धन शोधन के मामले में उनके परिसरों की तलाशी ली गई थी और वहां से दस्तावेज जब्त किए गए थे।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने कहा ‘‘प्रवर्तन निदेशालय और अन्य को मामले की अगली सुनवाई से पहले एक सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज पेश करने का आदेश दिया जाता है।’’ मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, वीरभद्र की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल ने कहा कि उन्होंने अपनी मुख्य याचिका में संशोधन के लिए एक आवेदन दाखिल किया है।
केंद्र सरकार के वकील अमित महाजन ने कहा कि उनके पास उन दस्तावेजों की प्रति है जिनके आधार पर तलाशी ली गई थी और दस्तावेज जब्त किए गए थे।
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय की खिंचाई करते हुए कहा था कि वह ‘सुपर इन्वेस्टिगेटर’ की तरह काम नहीं कर सकता। अदालत ने यह भी कहा था कि उसके साथ रिकॉर्ड्स साझा नहीं किए गए हैं।
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