दिल्ली दंगा: छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा ने लगाया आरोप- 'जेल में मानसिक प्रताड़ना देते हैं'

दिल्ली हिंसा मामले में UAPA के तहत गिरफ्तार छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा ने दिल्ली की एक अदालत में सोमवार को आरोप लगाया कि जेल अधिकारी उसके खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणी करते हैं और उसे मानसिक यातना दे रहे हैं.

दिल्ली दंगा: छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा ने लगाया आरोप- 'जेल में मानसिक प्रताड़ना देते हैं'

गुलफिशा फातिमा को UAPA के तहत तिहाड़ जेल में रखा गया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

खास बातें

  • तिहाड़ जेल में बंद हैं छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा
  • मानसिक प्रताड़ना के लगाए आरोप
  • दिल्ली दंगों में UAPA के तहत किया गया है गिरफ्तार
नई दिल्ली:

दिल्ली हिंसा मामले  (Delhi Violence) में गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) के तहत गिरफ्तार छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा ने दिल्ली की एक अदालत में सोमवार को आरोप लगाया कि जेल अधिकारी उसके खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणी करते हैं और उसे मानसिक यातना दे रहे हैं.

MBA ग्रेजुएट फातिमा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद है.
छात्रा ने यह आरोप उस वक्त लगाया जब उसे मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष समक्ष पेश किया गया. फातिमा ने आरोप लगाया कि जेल में कर्मियों द्वारा उससे भेदभाव किया जा रहा है.

छात्रा ने कहा, ‘जेल में मुझे एक समस्या हो रही है. जब से मैं यहां लाई गई हूं मैं लगातार जेल कर्मियों के द्वारा भेदभाव का सामना कर रही हूं. वे मुझे शिक्षित आतंकवादी कहकर पुकारते हैं और मुझ पर सांप्रदायिक टिप्पणी करते हैं. मैं यहां मानसिक प्रताड़ना का सामना कर रही हूं. यदि मैं खुद को कोई नुकसान पहुंचाती हूं तो इसके लिए सिर्फ जेल अधिकारी जिम्मेदार होंगे.'

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फातिमा के सीधे अदालत में अपनी दलील देने पर न्यायाधीश ने उसके वकील को इस बारे में एक अर्जी दायर करने को कहा. इसपर, छात्रा के वकील महमूद प्राचा ने कहा कि वह इस मामले में आवश्यक कार्य करेंगे. अदालत ने सोमवार को आरोपी के वकीलों को आरोपपत्र की प्रति सौंपे जाने का निर्देश दिया और मामले पर अगली सुनवाई के लिए तीन अक्टूबर की तारीख निर्धारित कर दी. आरोपपत्र गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और भारतीय दंड संहिता तथा शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दाखिल किया गया है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)