जातिप्रथा के समूल नाश के लिए कानून लाने की मांग, 14 अप्रैल से सत्याग्रह

यूथ फॉर इक्विलिटी देश भर में 14 अप्रैल को मोमबत्तियां जलाकर पहले गैर राजनीतिक सत्याग्रह की करेगी शुरुआत

जातिप्रथा के समूल नाश के लिए कानून लाने की मांग, 14 अप्रैल से सत्याग्रह

नई दिल्ली:

यूथ फॉर इक्विलिटी ( YFE) के आव्हान पर प्रदेश की सभी राजधानियों, देश के प्रमुख शहरों में 14 अप्रैल को शाम 6 से 7 बजे के बीच में इन सभी स्थानों पर (लगभग 500 से ज्यादा शहर) मोमबत्तियां जलाकर पूरे देश में अपने तरह का पहला गैर राजनीतिक सत्याग्रह की शुरुआत होगी. इसका उद्देश्य 2020 तक संसद से जातियों के समूल विनाश के लिए एक कानून पास करना है.

मिशन 2020 जाति के समूल विनाश के लिए संसद के दोनों सदनों से नया कानून बनाने के लिए देशव्यापी शांतिपूर्ण सत्याग्रह है. तथा संविधान निर्माता बीआर अम्बेडकर की 128वीं जयंती पर यूथ फॉर इक्विलिटी समूचे देश में जाति हटाने के लिए शांतिपूर्ण मार्च करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेगी.

यूथ फॉर इक्विलिटी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर कौशलकांत मिश्रा  एनडीटीवी से बात करते हुए कहा की जातिगत नीतियों के विरोध के जरिए सामाजिक सद्भाव के लिए साल 2006 से निरंतर काम कर रही संस्था अब संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर समूचे देश में जाति हटाओ का संदेश देगी. उन्होंने  सामाजिक आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए आव्हान किया है.

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उनका मानना है कि सारे राजनीतिक दल समाज को जाति के नाम पर विभाजित कर रहे हैं जबकि 70 साल की आजादी के बाद देश में जहां एक तरफ़ जातिगत छुआछूत को कानूनी तौर पर समाप्त किया जा चुका है वहीं जातियों के नाम पर राजनीतिक दल बनाकर तथा जातिगत सरकारी नीतियाँ बनाकर इसे जिंदा रखा जा रहा है जोकि मात्र 5 साल के लिए सत्ता चलाने का हथियार बन चुका है. यही वजह है कि YFE संविधान की रक्षा व भारत के भविष्य को बचाने के लिए एक कानून की मांग करती है जो सभी सरकारी दस्तावेजों से जाति को खत्म करके सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करे.