IIMC की पूर्व छात्रा अंशु सचदेवा की मौत के मामले की निष्पक्ष जांच की उठी मांग

नई दिल्ली:

भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) की पूर्व छात्रा और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली अंशु सचदेवा की याद में शुक्रवार को शोकसभा का आयोजन किया गया। अंशु ने बीते शुक्रवार की रात खुदकुशी कर ली थी।

इस शोकसभा में अंशु के सहपाठी, संस्थान के डीजी सुनीत टंडन, ओएसडी अनुराग मिश्रा, पत्रकारिता में अंशु के बैच के विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद प्रधान, आरटीवी में एसोसिएट प्रोफेसर शाश्वती गोस्वामी और अन्य कई पत्रकार साथियों ने हिस्सा लिया। संस्थान के मिनी ऑडिटोरियम में आयोजित इस शोकसभा में शोक जताने से इतर उन सवालों और परिस्थितियों पर भी चर्चा हुई कि आखिरकार किन वजहों से अंशु को इतना कठोर कदम उठाना पड़ा और उन्होंने इस घटना की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की।

आपको बता दें कि आईआईएमसी की इस पूर्व छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, फरीदाबाद के सेक्टर-3सी, एनआईटी की रहने वाली अंशु ने अपने कमरे में पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली।

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की रात वह अपने दफ्तर से लौटी और अपने कमरे में आराम करने चली गई। बाद में जब उसकी मां तड़के तीन बजे उठीं, तब उन्होंने पीड़िता के कमरे से कुछ तरल पदार्थ निकलते देखा।

उन्होंने बताया कि पीड़िता की मां ने जैसे ही दरवाजा खोला उन्होंने अपनी बेटी का शव उसके दुपट्टे के सहारे पंखे से लटकता पाया।

अंशु दिल्ली में एक गैर सरकारी संगठन एसटीआईआर एजुकेशन (स्कूल्स एंड टीचर्स इनोवेटिंग फॉर रिजल्ट्स) के साथ एजुकेशन लीडर के तौर पर काम कर रही थीं।

उसके पिता मनोज सचदेवा ने पुलिस को सूचित कि उनकी बेटी की शादी आईआईएमसी में ही उसके साथ पढ़ चुके उसके साथी हिमांशु सिंह के साथ तय हुई थी।

पुलिस ने बताया कि पीड़िता के परिवार ने आरोपी हिमांशू पर उसे खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि पीड़िता के कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ और मामले की जांच जारी है। हालांकि मृतका की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह फांसी ही सामने आई है।

वहीं अंशु के परिजनों ने जब पुलिस से रिपोर्ट की कॉपी मांगी तो उन्होंने उन्हें यह देने से मना कर दिया। परिजनों के मुताबिक, रिपोर्ट की कॉपी मांगने पर पुलिस ने उनसे बदतमीजी भी की।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

ऐसे में पुलिस के रवैये पर सवाल उठने लगे थे। हालांकि शिकायत के बाद फरीदाबाद के एसपी देवेंद्र यादव ने जांच अधिकारी श्रवणवीर कुमार को केस से हटा दिया और उनकी जगह शिव कुमार को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है।