'प्रसव पीड़ा' की तरह है नोटबंदी, अंतत: मिलेगी 'खुशी' : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद

'प्रसव पीड़ा' की तरह है नोटबंदी, अंतत: मिलेगी 'खुशी' : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नोटबंदी के कारण हो रही परेशानियों की तुलना 'प्रसव पीड़ा' से करते हुए कहा कि इसका परिणाम बच्चे के जन्म की तरह ही 'सुखदायी' होगा.

रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली भाजपा के आईटी सेल द्वारा आयोजित एक समारोह में यह टिप्पणी की. इस समारोह में इस बात पर जोर दिया गया कि नोटबंदी किस प्रकार देश को एक नकदी रहित अर्थव्यवस्था में बदलने का अवसर है.

हालांकि उन्होंने कहा कि नोटबंदी के पीछे सरकार का मकसद नकदी रहित (कैशलेस) नहीं, बल्कि 'कम नकदी' (लेसकैश) है. उन्होंने संसद को काम नहीं करने देने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की.

प्रसाद ने कहा, 'लोगों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, लेकिन यह पीड़ा उस पीड़ा की तरह है जो एक महिला प्रसव के दौरान झेलती है. अंतत: सभी को उसी तरह खुशी का एहसास होगा जैसा कि बच्चे के पहली बार रोने पर होता है.' उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि जब मनमोहन सिंह बोले तो उन्हें 'खुशी' हुई.
उन्होंने कहा, 'मैं दो लोगों के भाषणों का उत्सुकता से इंतजार करता हूं. मनमोहन सिंह एवं राहुल गांधी.'

प्रसाद ने कहा कि बैंकों में जमा कराई गई राशि का इस्तेमाल भारतीय सेना को मजबूत बनाने में निवेश करने, किसानों, छोटे व्यापारियों की मदद करने और सड़कें बनाने में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस फैसले से 'नक्सलियों एवं आतंकवादियों' को काफी परेशानी हो रही हैं.

इस अवसर पर मौजूद दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा कि इस कदम का विरोध कर रहे अरविंद केजरीवाल एवं अखिलेश यादव जैसे राजनीतिज्ञ वास्तव में इसके लाभों के बारे में जानते हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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