नोटबंदी से दान में आई कमी तो मंदिरों ने शुरू की पेटीएम के जरिए डोनेशन देने की पेशकश

नोटबंदी से दान में आई कमी तो मंदिरों ने शुरू की पेटीएम के जरिए डोनेशन देने की पेशकश

खास बातें

  • कालकाजी मंदिर में भक्तों की संख्या और दान में भारी गिरावट आई है.
  • लोग खुलकर दान दें इसके लिए पेटीएम का प्रयोग भी शुरू कर दिया गया है.
  • मंदिर के पुजारी की मानें तो इससे भी दान में कोई खास फर्क नहीं पड़ा है.
नई दिल्‍ली:

500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने का असर धार्मिक स्थलों में दान और भक्तों की संख्या पर पड़ा है.

दिल्ली के कालकाजी मंदिर में सन्नाटा है. भक्तों की संख्या बेहद कम है और दान में भारी गिरावट है. दान पेटी में हल्के नोट या सिक्के दिखाई दे रहे हैं.

लोग खुलकर दान दें इसके लिए पेटीएम का प्रयोग भी शुरू कर दिया गया है और स्वाइप मशीन भी लगाई जा रही है. लेकिन मंदिर के पुजारी की मानें तो इससे भी दान में कोई खास फर्क नहीं पड़ा है.

पुजारी का कहना है कि हर रोज़ मंदिर आने वाले श्रद्धालु अब नोट लेने के लिए लाइन में भी लगे हैं. कालकाजी मंदिर की तरह कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में भी भक्तों का तांता रहता है, लेकिन नोटबंदी का असर यहां भी दिख रहा है. दान के साथ भक्तों की संख्या में भी यहां तेजी से गिरावट आई है. हालांकि यहां पेटीएम या स्वाइप मशीन का सहारा नहीं लिया जा रहा है.

मंदिर के पुजारी महंत ईश्वर दयाल शर्मा के मुताबिक, वो दान में 500 और हज़ार के पुराने नोट भी ले रहे हैं, लेकिन देने वाला कोई नहीं. दिल्ली के कई और धार्मिक स्थलों में दान में कमी की बात कही जा रही है, लेकिन कई गुरुद्वारों और दूसरे धार्मिक स्थलों में छप्पर फाड़कर दान आ रहा है. हालांकि धार्मिक स्थलों में दान की पारदर्शिता को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं.


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