आठ घंटे बहस के बावजूद राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने का मसला नहीं सुलझा

जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई, अर्थव्यवस्था को संभालने की जद्दोजहद में जुटीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मुश्किलें बढ़ीं

आठ घंटे बहस के बावजूद राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने का मसला नहीं सुलझा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

कोविड संकट के दौरान राज्यों को जीएसटी मुआवज़ा (GST Compensation) देने को लेकर राजनीतिक गतिरोध बना हुआ है. सोमवार को जीएसटी काउंसिल (GST Council) की आठ घंटे चली बैठक के बाद भी इस विवाद को सुलझाया नहीं जा सका. अब अगले सोमवार को फिर जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलाने का फैसला हुआ है. कोरोना संकट की वजह से कमज़ोर पड़ी अर्थव्यवस्था को संभालने की जद्दोजहद में जुटीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. सोमवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में आठ घंटे तक चर्चा और बहस के बाद भी राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने के मुद्दे पर गतिरोध नहीं सुलझ सका.

दरअसल जीएसटी कानून में जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल में राज्यों को होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र द्वारा जीएसटी कंपनसेशन देने का प्रावधान है. लेकिन अर्थव्यवस्था में गिरावट की वजह से इस साल राज्यों को जीएसटी कंपनसेशन में शॉर्टफॉल 2.35 लाख करोड़ रहने का अंदेशा है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कुछ राज्यों ने दो उधार विकल्पों में से किसी को नहीं चुना है... एक सुझाव था कि केंद्र से उधार लेना चाहिए.. हमने बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी के सुझाव पर 12 अक्टूबर को वार्ता जारी रखने का फैसला किया है.

बैठक के कुछ ही मिनट बाद केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने ट्वीट करके कहा -जीएसटी काउंसिल की बैठक में 10 राज्यों ने मांग की कि उन्हें पूरा बकाया जीएसटी कंपनसेशन केंद्र सरकार दे. इस पर फैसला 12 अक्टूबर को होने वाली जीएसटी कौंसिल की अगली बैठक तक टल गया है.

बैठक में ये तय किया गया कि कंपनसेशन सेस अब तक निर्धारित जून 2022 से आगे भी जारी रहेगा. साथ ही, राज्यों को कुछ बकाया जीएसटी फंड को तत्काल जारी करने का भी फैसला किया गया. निर्मला सीतारमण ने कहा- केंद्र ने आज राज्यों को 2020-21 में रेवेन्यू में नुकसान होने पर 20,000 करोड़ दिए हैं. इसके अलावा 2017-18 के IGST के करीब 24,000 करोड़  रुपये अगल सप्ताह दिए जाएंगे.

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कोरोना संकट की वजह से जीएसटी कलेक्शन में अब तक हुई गिरावट की भरपाई के लिए अब तक 21 राज्यों ने वित्त मंत्रालय की तरफ से रखे गए बौरोइंग प्लान को स्वीकार किया है जिसमें आरबीआई द्वारा facilitated स्पेशल विंडो के तहत यह रकम बोरो करने का प्रावधान है. जबकि केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों ने बौरोइंग करने के  वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव को ही ख़ारिज कर दिया है.