सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बावजूद मौजूदा हालात में तमिलनाडु को पानी देने से कर्नाटक का इनकार

सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बावजूद मौजूदा हालात में तमिलनाडु को पानी देने से कर्नाटक का इनकार

भूख हड़ताल पर बैठे देवेगौड़ा.

बेंगलुरु:

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में फैसला हुआ कि मौजूदा हालात में कर्नाटक के लिए संभव नहीं है कि वह तमिलनाडु को पानी दे सके.

इस बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता येद्दियुरप्पा के साथ-साथ जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने भी हिस्सा लिया. इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा विधानसभा परिसर में गांधी जी की मूर्ति के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गए. मुख्यमंत्री सहित अन्य नेताओं के कहने पर रात में आठ बजे के आसपास उन्होंने हड़ताल खत्म की.

सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कैबिनेट की आपात बैठक की जिसमें तय हुआ कि विधानसभा के दोनों सदनों की आपात बैठक सोमवार को बुलाई जाएगी जिसमें सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के आदेशों पर चर्चा की जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को आखिरी चेतावनी देते हुए कहा था कि इस बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का अंतिम मौका उसके पास है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अगली तारीख तक 6000 क्यूसेक पानी तमिलनाडु को देने को कहा था. लेकिन कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी नज़र में सुप्रीम कोर्ट का आदेश तकनीकी तौर पर सही नहीं है, जिसके खिलाफ सोमवार को रिव्यू पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाएगी. उनके मुताबिक पुड्डुचेरी और केरल का प्रतिनिधि न तो जल संसाधन मंत्रालय की बैठक में शामिल था न ही सुप्रीम कोर्ट में मौजूद था. ऐसे में तकनीकी तौर पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश सही नहीं है.

मुख्यमंत्री के साथ-साथ बीजेपी नेताओं का भी यह मानना है कि कावेरी जल मैनेजमेंट बोर्ड के गठन की मांग न तो तामिलनाडु और न ही कर्नाटक के अंतरिम प्रस्ताव में था. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने सुओ मोट्टो फैसला लिया है. कर्नाटक को इस बात की चिंता है कि अगर बोर्ड का गठन हुआ तो कर्नाटक में बांधों पर से राज्य का नियंत्रण खत्म हो जाएगा और केंद्र की मर्जी से राज्य को पानी मिलेगा. ऐसे में सभी पार्टियां कर्नाटक में इस बोर्ड के गठन का विरोध कर रही हैं.


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