एमसीडी चुनावों में इसलिए प्रचार नहीं किया क्‍योंकि मुझसे कहा नहीं गया : शीला दीक्षित

एमसीडी चुनावों में इसलिए प्रचार नहीं किया क्‍योंकि मुझसे कहा नहीं गया : शीला दीक्षित

शीला दीक्षित (79) लगातार तीन बार दिल्‍ली की सीएम रहीं.

खास बातें

  • एमसीडी में कांग्रेस तीसरे स्‍थान पर रही
  • बीजेपी ने भारी बहुमत के साथ चुनाव जीता
  • चुनाव से पहले दिल्‍ली कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी छोड़ी
नई दिल्ली:

कांग्रेस की वरिष्‍ठ नेता और दिल्‍ली में लगातार तीन बार मुख्‍यमंत्री रहने वाली शीला दीक्षित ने एमसीडी चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी को सलाह देते हुए कहा है,''यह जनता का जनादेश है, इसे सम्‍मान के साथ स्‍वीकार किया जाना चाहिए.'' कांग्रेस एमसीडी चुनावों में तीसरे पायदान पर रही. बीजेपी ने दो तिहाई बहुमत के साथ जीत हासिल की है. अरविंद केजरीवाल की आप दूसरे स्‍थान पर रही.

शीला दीक्षित से जब कांग्रेस की हार के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस ने दरअसल आक्रामक प्रचार नहीं किया. इस वजह से कांग्रेस पिछड़ गई. कांग्रेस के किसी भी कद्दावर या बड़े नेता ने 270 वार्डों में प्रचार नहीं किया. जब उनसे पूछा गया कि आपने प्रचार क्‍यों नहीं किया तो शीला दीक्षित ने कहा, '''मैंने इसलिए प्रचार नहीं किया क्‍योंकि पार्टी ने इसके लिए मुझे आमंत्रित नहीं किया. मैं अपने आप से तो ऐसा नहीं कर सकती थी.'

उल्‍लेखनीय है कि एमसीडी चुनावों से पहले कांग्रेस को काफी नुकसान पड़ा. पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं अरविंदर लवली और बरखा शुक्‍ला सिंह ने ऐन चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. वरिष्‍ठ नेता एके वालिया की नाराजगी का भी पार्टी को सामना करना पड़ा. दिल्‍ली कांग्रेस अध्‍यक्ष अजय माकन के नेतृत्‍व में कांग्रेस ने चुनाव लड़ा. इन सब पर बोलते हुए शीला दीक्षित ने कहा, ''जब भी हम हारते हैं तो कुछ न कुछ सीखते ही हैं.''


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