IB के नए प्रमुख के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं अधिकारी लेकिन RAW के स्टाफ में उठ रहे 'सवाल'!

सामंत गोयल को रॉ का नया सचिव बनाया गया है. उन्होंने रॉ और आरएएस के अपने सीनियर आर कुमार को पीछे छोड़ते हुए यह पद पाया है.

IB के नए प्रमुख के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं अधिकारी लेकिन RAW के स्टाफ में उठ रहे 'सवाल'!

अरविंद कुमार और सामंत गोयल

खास बातें

  • आईबी में लोग अपने नए प्रमुख के साथ काम करने को लेकर उत्साहित
  • रॉ के अधिकारियों में नए प्रमुख को लेकर खास उत्साह नहीं
  • आईपीएस अधिकारी को रॉ का प्रमुख बनाने पर कई अधिकारी अपसेट
नई दिल्ली:

देश के 2 इंटेलीजेंस प्रमुखों के नाम के बारे में जैसे ही ऐलान हुआ वैसे ही इंटेलीजेंस ब्यूरो(IB) और रॉ(RAW) में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. आईबी में लोग अपने नए प्रमुख के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं लेकिन रॉ के अधिकारियों में नए प्रमुख को लेकर खास उत्साह नजर नहीं आ रहा है. एक आईपीएस अधिकारी को रॉ का प्रमुख बनाने पर कई अधिकारी अपसेट नजर आ रहे हैं. कैबिनेट सचिवालय से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'सामंत गोयल को रॉ का नया सचिव बनाया गया है. उन्होंने रॉ और आरएएस के अपने सीनियर आर कुमार को पीछे छोड़ते हुए यह पद पाया है. वह खुद 1984 बैच के अधिकारी हैं और सरकार ने उनका चुनाव करके साफ कर दिया है कि उन्हें उच्च पद पर आईपीएस चाहिए, आरएएस नहीं चाहिए.'   

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अधिकारी ने कहा, 'आर कुमार, मिस्टर गोयल के सीनियर हैं और पाकिस्तान, काउंटर टेररिज्म डेस्क के इंचार्ज हैं. आर कुमार के पास बांग्लादेश, नेपाल, स्विट्जरलैंड में काम करने का अनुभव है और परफेक्ट ट्रैक रिकॉर्ड है लेकिन उन्हें अनदेखा किया गया. यह सही सिग्नल नहीं है.' आर कुमार 1984 बैच के आरएएस अधिकारी हैं और उन्हें लेटरल इंडक्शन द्वारा लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के बाद चयनित किया गया था. वहीं कुछ ने बताया कि मिस्टर गोयल ने यूरोप में भारत के खिलाफ चल रहे खालिस्तानी प्रोपगेंडा पर एक्शन लेने में अहम रोल अदा किया था. वह लंदन और दुबई में पोस्ट रहे हैं. कैबिनेट सचिवालय के अधिकारी के मुताबिक, 'वह काउंटर टेरर ऑपरेशन में एक्सपर्ट हैं और उन्हें पाकिस्तानी आतंकियों के बारे में गहरी जानकारी है.' 

इस समय आईबी में अरविंद कुमार अकेले 1984 बैच के अधिकारी हैं. इसलिए उनकी नियुक्ति पर कोई सवाल नहीं है. आईबी में ज्यादातर अधिकारियों ने कहा, 'अरविंद कुमार को हमेशा एजेंसी के वरिष्ठ प्रबंधन कैडर द्वारा एक एंकर के रूप में माना जाता है और उन्होंने तमाम चुनौतियों का सामना किया है. 

ब्यूरो में एक अधिकारी ने बताया, 'उनके पास बुद्धि और हास्य दोनों ही है. इसलिए वह अधिकारियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं और अधिकारी उनके साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं.' अधिकारी ने बताया, 'मिस्टर कुमार कश्मीर डेस्क संभालते हैं. उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले की जांच मामले में एनआईए को साधन उपलब्ध करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने बालाकोट हवाई हमले के प्रभाव पर सरकार को जानकारी दी थी.' 

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आईबी के पूर्व डायरेक्टर के मुताबिक, 'आईबी के सीनियर अधिकारी उन्हें नेटवर्क वाला शख्स मानते थे. अरविंद कुमार एजेंसी के पुराने अधिकारी हैं. वह दिल्ली में साल 2000 में पोस्ट हुए थे. बाद में वह पटना स्टेट इंटेलीजेंस के प्रमुख रहे.' एक अधिकारी ने कहा, 'टेक्नालॉजी और सुरक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है, लेकिन आईबी के भीतर नई तकनीक को विकसित करने में उनकी दूरदर्शिता ही अरविंद कुमार को सही विकल्प बनाती है.'

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अधिकारी ने कहा, 'वर्तमान आईबी डायरेक्टर की सरकारी नीतियां भी अदभुत थीं.' एक और अधिकारी ने कहा, 'वर्तमान आईबी डायरेक्टर राजीव जैन की सबसे बड़ी सफलता आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की नई और उभरती हुई दुनिया के साथ परंपरा और खुफिया तरीकों को मर्ज करने की क्षमता है.' राजीव जैन और अरविंद कुमार दोनों आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी पहली यात्रा के लिए श्रीनगर गए हैं.