यह ख़बर 13 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कांग्रेस, संघ मिलकर कर रहे हैं मुझे बदनाम : हज़ारे

खास बातें

  • चिट्ठी में अन्ना हजारे ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस में भ्रष्टाचार से लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है।
नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार के खिलाफ जनांदोलन चला रहे गांधीवादी अन्ना हज़ारे ने गुरुवार को कहा कि इस बुराई को मिटाने के लिये उन्हें भाजपा और कांग्रेस, दोनों में कोई फर्क नजर नहीं आता। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मिलकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। हज़ारे ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के उन्हें 11 और 12 अक्तूबर को लिखे दो पत्रों के आठ पृष्ठ के जवाबी खत में कहा, भ्रष्टाचार मिटाने के लिये दोनों ही पार्टियों (कांग्रेस और भाजपा) की अंदर की आवाज नहीं निकलती, भ्रष्टाचार मिटाने के लिए दोनों ही पार्टियों में मुझे कोई फर्क नहीं दिखायी देता। संघ से स्वयं को जोड़े जाने के दिग्विजय के आरोपों पर उन्होंने कहा, आपने मुझे भाजपा और संघ परिवार से जोड़ने का प्रयास किया है। आपको या तो पता नहीं होगा या जानकर भी आप अनजान बन रहे हो। संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के इस दावे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाये सामाजिक कार्यकर्ताओं के आंदोलन को उनके संगठन का समर्थन है, हज़ारे ने कहा, मैं ईश्वर को मानने वाला हूं और ईश्वर को साक्षी रखकर कहूंगा कि रामलीला मैदान में आरएसएस का एक भी कार्यकर्ता 12 दिन में एक बार भी मुझे आकर मिला नहीं। ना मेरे आंदोलन में दिखायी दिया। उन्होंने कहा, अगर भागवत ने कहा हो कि अन्ना के आंदोलन में हम सहभागी थे तो जैसे आपकी पार्टी (कांग्रेस) मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रही है, वैसे ही आरएसएस भी मेरी बदनामी की कोशिश कर रही है, ऐसा मैं मानता हूं। या तो आप दोनों ने मिलजुलकर मेरी बदनामी की कोशिश की होगी। हज़ारे ने कहा, मेरा मानना है कि क्या आपकी पार्टी, क्या भाजपा और क्या आरएसएस, कोई मेरी कितनी भी बदनामी की कोशिश करे, सत्य हमेशा सत्य होता है। गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि देश की जनता को भाजपा, कांग्रेस या आरएसएस से कोई लेनादेना नहीं है। जनता भ्रष्टाचार से परेशान है, भ्रष्टाचार को मिटाने की कोशिश जब तक आप और आपकी पार्टी की सरकार नहीं करेगी, तब तक इन झूठी बातों का जनता पर कोई असर नहीं होगा। इसका अनुभव आपके बड़े-बड़े नेताओं ने किया है। संघ की ओर से उन्हें लिखे गये पत्रों के आधार पर उनका संघ परिवार से रिश्ता जोड़े जाने के दिग्विजय के दावों पर हज़ारे ने कहा, हमारे आंदोलन को शिकस्त देने के लिये आप आरएसएस के सुरेश भैया का पत्र जनता को दिखा रहे हैं, ऐसे पत्र का सबूत आप बना रहे हैं। ..सबूत तो वह हो सकता है जब ऐसे पत्र का मैंने जवाब दिया हो। ..ऐसा कोई पत्र है तो सबूत हो सकता है। उन्होंने कहा, 30 साल से समाज और देश की भलाई के लिये मैं बदनामी झेलते आया हूं और आगे भी बदनामी सहन करने की तैयारी रखी है। जिस पेड़ पर फल होते हैं, उसी पेड़ पर लोग पत्थर मारते हैं, इस बात को मैं अच्छी तरह जानता हूं। हज़ारे ने दिग्विजय को सलाह दी कि उनके आंदोलन को देखने का उनके चश्मे का रंग गलत है और उन्हें चश्मा बदल लेना चाहिये। भाजपा द्वारा उन्हें राष्ट्रपति पद का अगला उम्मीदवार बनाये जाने के सब्जबाग दिखाने के दिग्विजय के दावे पर हज़ारे ने कहा, ना तो राष्ट्रपति बनने की मेरी पात्रता है और न ही दिल में राष्ट्रपति बनने की मेरी इच्छा। समझ में नहीं आता कि ऐसे में क्यूं कांग्रेस वाले और बीजेपी वाले हवा में तीर चला रहे हैं।


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