सेना प्रमुख के बयान पर दिग्विजय सिंह का आया Reaction, कहा- 'लीडर्स वह भी नहीं होते जो...'

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय और कॉलेजों के प्रदर्शनकारी छात्रों को लेकर बयान दिया. इसे लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

सेना प्रमुख के बयान पर दिग्विजय सिंह का आया Reaction, कहा- 'लीडर्स वह भी नहीं होते जो...'

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • सेना प्रमुख के बयान पर दिग्विजय सिंह का आया रिएक्शन
  • सेना प्रमुख ने CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर दिया था बयान
  • AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी उठाए थे सवाल
नई दिल्ली:

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय और कॉलेजों के प्रदर्शनकारी छात्रों को लेकर बयान दिया. इसे लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है. दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने NDTV के कॉपी को ट्वीट करते हुए लिखा, 'लीडर्स वह नहीं होते जो लोगों को आगजनी या उपद्रव में हथियार उठाने के लिए प्रेरित करे': नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर सेना प्रमुख.

'मैं जनरल साहब से सहमत हूं, लेकिन लीडर्स वे भी नहीं होते हैं जो अपने समर्थकों को सांप्रदायिक हिंसा के नरसंहार में शामिल करते हैं. क्या आप मुझसे सहमत हैं जनरल साहब? 


ओवसी ने भी उठाए सवाल
इससे पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सेना प्रमुख के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने ट्वीट किया, जिसमें लिखा- 'किसी के पद की सीमाओं को जानना ही नेतृत्व है. नागरिक सर्वोच्चता के विचार को समझने तथा अपने अधीन मौजूद संस्थान की अखंडता को सुरक्षित रखने के बारे में है.'


क्या कहा सेना प्रमुख ने?
बता दें कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने एक इवेंट के दौरान कहा, 'नेता वे नहीं हैं जो गलत दिशा में लोगों का नेतृत्व करते हैं. जैसा कि हम लोग गवाह रहे हैं कि बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों ने शहरों और कस्बों में आगजनी और हिंसा करने के लिए जन और भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं. यह नेतृत्व नहीं है.'

बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पेश किया जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया. इस बिल के पास होने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया. इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए.

CAA Protest पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा- नेता वे नहीं हैं जो गलत दिशा में...

15 दिसंबर को इस कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. इस प्रदर्शन में कई छात्रों समेत पुलिस के कुछ जवान भी घायल हो गए. जामिया की घटना के अगले दिन 16 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सीलमपुर में जमकर प्रदर्शन हुए. 17 दिसंबर को देश के दूसरे हिस्‍सों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए. जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में देश के कई यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन हुए. कई यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी, 2020 के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों से हॉस्‍टल खाली करा लिया गया.

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विरोध प्रदर्शन को देखते हुए 19 दिसंबर, 2019 को देश के कई हिस्‍सों में धारा 144 लागू कर दी गई है. उधर गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि चाहे जितना भी विरोध हो इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा.

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