चंडीगढ़: हरियाणा की खट्टर सरकार ने गुड़गांव के चर्चित डीएलएफ-वाड्रा जमीन सौदे की जांच कर रहे न्यायिक आयोग की अवधि 6 माह के लिए बढ़ा दी है।
गुड़गांव के सेक्टर 83 में राबर्ट वाड्रा की भी जमीन
खट्टर सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए जमीन सौदे की जांच के लिए मई में रिटायर्ड जस्टिस एसएन ढींगरा की अगुवाई में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था जिसे गुड़गांव के सेक्टर 83 में व्यावसायिक कॉलोनी के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग महकमे द्वारा लाइसेंस देने के मामले में अनियमितताओं पर 6 महीने में अपनी रिपोर्ट देनी थी। सेक्टर 83 में ही वह जमीन भी है जिसके लिए लाइसेंस सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा को दिया गया था।
सूत्रों के मुताबिक आयोग अभी तक सिर्फ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग महकमे के अफसरों से ही जवाब तलब कर पाया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक अब जबकि आयोग का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, लिहाजा राबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के अधिकारियों से भी अगले साल के शुरू में पूछताछ हो सकती है।
छह माह में पूरी नहीं हुई जांच
पिछले महीने जींद की एक जनसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ऐलान किया था कि जस्टिस ढींगरा कमीशन छह महीने के भीतर अपनी जांच पूरी कर लेगा और दोषियों को जेल भेजने का काम उनकी सरकार करेगी। इसके बाद कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम करने का आरोप लगाया था।