यह ख़बर 09 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

द्रमुक ने एनसीईआरटी की किताब से कार्टून हटाने को कहा

खास बातें

  • द्रविड़ मुनेत्र कड़गम प्रमुख एम. करुणानिधि ने केंद्र सरकार से एनसीईआरटी की किताब से तमिलनाडु में 1965 में हुए हिंदी विरोधी आंदोलन पर छपे कार्टून को हटाने की मांग की है।
चेन्नई:

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम प्रमुख एम. करुणानिधि ने केंद्र सरकार से एनसीईआरटी की किताब से तमिलनाडु में 1965 में हुए हिंदी विरोधी आंदोलन पर छपे कार्टून को हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।

करुणानिधि ने शनिवार को कहा, "केंद्र सरकार को मामले में दखल देना चाहिए और तमिल लोगों की भावनाओं का ख्याल करते हुए कार्टून को किताब से हटाना चाहिए।"

द्रमुक प्रवक्ता टीकेएस इलंगोवन ने कहा, "मैंने कार्यकर्ताओं से राजनीति विज्ञान की सभी किताबों के कार्टून का निरीक्षण करने के लिए कहा है।"

द्रमुक प्रमुख ने कहा है कि कक्षा 12 की एनसीईआरटी की राजनीति विज्ञान की पुस्तक में छपे इस कार्टून से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में हिंदी के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने का श्रेय द्रमुकको जाता है।

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इलंगोवन ने कहा कि अखबारों में छपे कार्टूनों की उपयोगिता तात्कालिक होती है।