डीआरडीओ ने रुस्तम-2 की तरह 10 ड्रोन विमानों के निर्माण का फैसला किया

डीआरडीओ ने रुस्तम-2 की तरह 10 ड्रोन विमानों के निर्माण का फैसला किया

स्वदेश में विकसित लड़ाकू क्षमता से युक्त ड्रोन रुस्तम-2 (फाइल फोटो)

बेंगलुरू:

स्वदेश में विकसित लंबे समय तक टिकने वाले लड़ाकू क्षमता से युक्त ड्रोन रुस्तम-2 के सफलतापूर्वक अपनी पहली उड़ान पूरी करने के बाद डीआरडीओ ने भविष्य में भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल करने के लिए इस तरह के 10 मानवरहित विमानों के निर्माण का फैसला किया.

डीआरडीओ निदेशक एस क्रिस्टोफर ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने रुस्तम-2 की तरह 10 पायलट रहित या मानवरहित विमान के निर्माण का फैसला किया है. इसका लक्ष्य यूएवी के लिए भारत के विकास कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देना है.’ उन्होंने कहा, ‘युवा डीआरडीओ इंजीनियर इसे सफल बनाने के लिए कठोर प्रयास करेंगे. ऐसा करने में कम से कम एक साल का वक्त लगेगा. हम भारतीय सशस्त्र बलों से भी ऑर्डर लेने का प्रयास करेंगे.’

क्रिस्टोफर ने कहा कि आधुनिक मानव रहित विमान (यूएवी) के नौ प्रोटोटाइप का विकास इस तरह के ड्रोन की पहली सफल उड़ान के बाद किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘पहली उड़ान के बाद जांच के लिए आधुनिक यूएवी के नौ और प्रोटोटाइप का विकास किया जाएगा. इसके बाद प्रमाणीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी.’

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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