शराबी ड्राइवर 'आत्मघाती मानव बम' के समान : अदालत

शराबी ड्राइवर 'आत्मघाती मानव बम' के समान : अदालत

नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोपी एक व्यक्ति को छह दिन की जेल की सजा को सही ठहराते हुए कहा है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले 'जिंदा आत्मघाती मानव बम' के समान हैं।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लोकेश कुमार शर्मा ने बदरपुर निवासी जोगी वर्गीज की निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही। निचली अदालत ने उस पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए छह दिन की सजा सुनाई थी।

सत्र अदालत ने कहा कि यह व्यक्ति किसी प्रकार की उदारता बरते जाने का हकदार नहीं है क्योंकि निचली अदालत ने बिलकुल सही कहा है कि उसके रक्त में मिली शराब की मात्रा 42 गुना अधिक थी। उस समय वह एक दोपहिया चला रहा था।

अदालत ने कहा, ‘‘मेरी राय में, याचिकाकर्ता इतने गहरे नशे की हालत में दोपहिया चलाते हुए किसी जिंदा आत्मघाती बम की तरह काम कर रहा था जो वाहन को चलाते हुए दूसरे लोगों की जान ले सकता था। और सड़क पर जरा सी गलती होने पर यह उसके लिए भी घातक साबित हो सकता था।’’ अदालत ने सजा पूरी करने के लिए उसे हिरासत में लेने का आदेश दिया।

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सुनवाई अदालत ने उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी छह महीने के लिए रद्द कर दिया था और उसे निर्देश दिया था कि वह नए सिरे से ड्राइविंग दक्षता परीक्षा दे।