गाजीपुर के कूड़े के 'पहाड़' की ऊंचाई कम करने के दावों के पीछे की 'सच्‍चाई'!

सालों से इस कूड़े के पहाड़ को देखकर नाक पर रुमाल रख लेने वाले नेता और अधिकारी इस गंदगी के ढ़ेर पर पहुंचे हैं, इस बात से क्षेत्र के लोग संतुष्‍ट हैं.

गाजीपुर के कूड़े के 'पहाड़' की ऊंचाई कम करने के दावों के पीछे की 'सच्‍चाई'!

गाजीपुर लैंडफिल साइट पर रोजाना सैकड़ों ट्रक कूड़ा डाला जाता है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण काल में दिल्‍ली के गाजीपुर स्थि‍त कूड़े के 'पहाड़' की ऊंचाई पर खूब राजनीति हो रही है. पूर्वी दिल्‍ली के सांसद गौतम गंभीर (Gautam gambhir) ने यहां तक कहा कि अगर कूड़े के 'पहाड़' की ऊंचाई कम नहीं हुई तो अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे. ताजमहल से ऊंचे और कुतुबमीनार से महज आठ मीटर छोटे, गाजीपुर स्थित कूड़े का इस 'पहाड़' (Gazipur landfill site) में रोजाना सैकड़ों ट्रक कूड़ा डाला जाता है इसमें 35 साल में 70 एकड़ जमीन पर 270 फीट ऊंचा पहाड़ खड़ा हो गया है. कूड़े के इस 'पहाड़' के कारण आसपास के लोग गंदगी और बदबू से परेशान है सालों बाद मंगलवार को पहली दफा कूड़े के ट्रक कम और लक्जरी गाड़ियां ज्यादा इस कूड़े के पहाड़ पर इकट्ठा हुई.सांसद गौतम गंभीर, मेयर और कमिश्नर के साथ यहां पहुंचे, इस मौके पर पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा बीजेपी सांसद गंभीर ने कूड़े के इस 'पहाड़' की ऊंचाई 40 फीट कम करने का दावा किया..

गंभीर ने कहा, 'हमने 40 फीट ऊंचाई कम की है.ये अच्छी बात पहली बार हुई है इस सकारात्‍मक काम का का श्रेय लेना चाहिए. उन्‍होंने कहा, आम आदमी पार्टी का काम ही सवाल उठाना है. सालों से इस कूड़े के पहाड़ को देखकर नाक पर रुमाल रख लेने वाले नेता और अधिकारी इस गंदगी के ढ़ेर पर पहुंचे हैं, इस बात से क्षेत्र के लोग संतुष्‍ट हैं. उन्‍होंने माना कि कूड़े का ढेर थोड़ा कम दिख रहा है.गंभीर जी ने इस दिशा में प्रयास तो किया है.अब तक तो कोई यहां आया ही नहीं था. लेकिन जब हमने गौतम गंभीर के दावों की पड़ताल कूड़े के नजदीक रहने वाले गाजीपुर गांव जाकर की तो लोगों ने दिखाया कि कूड़े को लैंडफिल साइट के पीछे डालकर छिपाया जा रहा है और ऊंचाई कम करने के लिए इसे पास की जमीन पर बिखेरा जा रहा है.

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स्थानीय विधायक ने भी इस दावे पर सवाल खड़े करते कहा कि रोज 2600 टन कूड़ा आता है रिसाइक्लिंग केवल 600 टन का होता है. कोंडली के विधायक ने कहा कि कूड़ा अब भी आ रहा है. मेयर झूठ बोल रहे हैं कि 1600 टन रिसाइकिल कर रहे हैं. चार मशीनों से 600 टन हो रहा है कूड़ा आना कम हो नहीं रहा है तो कैसे ऊंचाई कम हो रही है. खास बात यह है कि कूड़े के इस 'पहाड़' को खत्म करने का वादा करके ही बीजेपी ने निगम चुनाव जीता. हर चुनाव में पार्टियों के लिए राजनीतिक तौर पर कूड़े का पहाड़ नाक का सवाल बना है.