यह ख़बर 15 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एफडीआई के विरोध में 20 सितंबर को आठ दलों की हड़ताल

खास बातें

  • वाम दलों और सपा सहित आठ प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई की अनुमति देने, डीजल के दाम बढ़ाने और एलपीजी सिलंडर की सीमा तय करने के खिलाफ 20 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।
नई दिल्ली:

वाम दलों और सपा सहित आठ प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने मल्टी-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने, डीजल के दाम बढ़ाने और रसोई गैस सिलंडर की सीमा तय करने के सरकार के फैसले को जन विरोधी बताते हुए 20 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल करने की घोषणा की है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता एबी वर्धन ने बताया कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने 20 तारीख को हड़ताल का सुझाव दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इस हड़ताल में चारों वाम दल, सपा, तेदेपा, जेडीयू (एस) और बीजू जनता दल संयुक्त रूप से शामिल होंगे।

वर्धन ने कहा कि मल्टी-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत तथा विमानन क्षेत्र में 49 एफडीआई की अनुमति देने के साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र की चार कंपनियों के 15,000 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेचे जाने का सरकार का शुक्रवार को किया गया निर्णय घोर जन-विरोधी है।

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उन्होंने कहा कि इससे एक दिन पहले ही सरकार ने डीजल की कीमत में 5 रुपये की वृद्धि के साथ सब्सिडीयुक्त एलपीजी सिलेंडर की सीमा प्रति परिवार प्रति वर्ष छह तक सीमित करने का निर्णय किया, जिससे आम आदमी पर बहुत भारी बोझ पड़ेगा। कम्युनिट नेता ने कहा कि मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति से खुदरा व्यापार से जुड़े देश के पांच करोड़ से अधिक लोगों की रोजी-रोटी छिन जाएगी।