यह ख़बर 18 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मुलायम परिवार के सातवें सदस्य का राजनीति में प्रवेश

खास बातें

  • लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुटे समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपने परिवार के एक और सदस्य अक्षय यादव को फिरोजाबाद लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारकर राजनीति में प्रवेश करा दिया है।
लखनऊ:

लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुटे समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपने परिवार के एक और सदस्य अक्षय यादव को फिरोजाबाद लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारकर राजनीति में प्रवेश करा दिया है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति के सबसे शक्तिशाली यादव परिवार के अक्षय सातवें सदस्य हैं जिन्होंने सक्रिय राजनीति में दस्तक दी है।

अक्षय यादव सपा मुखिया मुलायम सिंह के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव के पुत्र हैं। मैनपुरी से सांसद मुलायम के अलावा राज्यसभा सदस्य राम गोपाल यादव, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, उत्तर प्रदेश सरकार में महत्वपूर्ण विभाग सम्भाल रहे कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव, कन्नौज से सांसद डिम्पल यादव और बदायूं से सांसद धर्मेद्र यादव सहित यादव परिवार के छह सदस्य पहले ही सक्रिय राजनीति में हैं।

सपा की तरफ से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को 55 उम्मीदवारों के ऐलान के साथ अक्षय की आधिकारिक रूप से चुनावी राजनीति में प्रवेश पर मुहर लग गई। पार्टी ने अक्षय को अपना परम्परागत सीट फिरोजाबाद लोकसभा सीट से चुनावी अखाड़े में उतारा है, जहां चुनाव में उनका मुकाबला कांग्रेस से वर्तमान सांसद राज बब्बर से होगा।

26 वर्षीय अक्षय कहते हैं कि पिछले कुछ सालों से वह फिरोजाबाद में सक्रिय हैं। वहां के लोग और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनसे चुनाव लड़ने के लिए कहा जिसके बाद उन्होंने चुनावी राजनीति में उतरने का मन बनाकर पार्टी नेतृत्व के समक्ष टिकट के लिए दावेदारी पेश की।

चूड़ियों के निर्माण के लिए दुनियाभर में मशहूर फिरोजाबाद वर्षो से सपा और यादव परिवार की परम्परागत संसदीय सीट रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने यहां से चुनाव जीता था लेकिन कन्नौज से भी जीत दर्ज करने के कारण उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी। बाद में हुए उपचुनाव में सपा ने यहां से अखिलेश की पत्नी डिम्पल को राजनीति में उतारा था, लेकिन वह कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर से बड़े अंतर से हार गई थीं।

सपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, "पार्टी नेतृत्व अब अपनी इस परम्परागत सीट पर फिर से कब्जा चाहता है। इसीलिए परिवार के ही सदस्य अक्षय को यहां से उम्मीदवार बनाया गया है।"

अक्षय भले ही अभी तक सक्रिय राजनीति में न रहें हो लेकिन उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी से चुनाव लड़ने वाले अपने ताऊ मुलायम के चुनाव प्रचार का पूरा जिम्मा सम्भाला था। इसके अलावा फिरोजाबाद सीट पर हुए उप चुनाव के दौरान उन्होंने भाभी डिम्पल के चुनाव प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई थी।

उधर, अपने एक और भतीजे अक्षय यादव के राजनीति में प्रवेश को लेकर आने वाले दिनों में मुलायम को विपक्षी दलों के हमले सहने पड़ेंगे। गौरतलब है कि राजनीति में परिवारवाद को बढ़ावा देने को लेकर एक समय कांग्रेस की जमकर आलोचना करने वाले मुलायम सिंह खुद को समाजवाद के जनक डॉ राम मनोहर लोहिया का झंडाबरदार बताते हैं, जो खुद राजनीति में परिवारवाद के कट्टर विरोधी थे।

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समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं, "पार्टी हमेशा योग्य उम्मीदवार को टिकट देती है। वैसे भी मुलायम सिंह यादव परिवार का जो भी सदस्य राजनीति में आया है जनता ने उसे जिताकर परिवारवाद को बढ़ावा देने जैसी बातों को निराधार साबित किया है।"