ओडिशा में बीजेपी का चेहरा कौन, धर्मेन्द्र प्रधान या अपराजिता सारंगी

परोक्ष रूप से सत्ता समीकरण में हो रहे बदलाव की एक वजह यह समझी जा रही है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं पाने की स्थिति में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल से गठबंधन की तरफ देख रही है.

ओडिशा में बीजेपी का चेहरा कौन, धर्मेन्द्र प्रधान या अपराजिता सारंगी

ओडिशा में बीजेपी कार्यकर्ताों के साथ पीएम मोदी

खास बातें

  • अपराजिता सारंगी का नाम भी सामने आया
  • अभी तक धर्मेन्द्र प्रधान की थी चर्चा
  • पूर्व आईएएस अफसर हैं अपराजिता
नई दिल्ली:

बीजू जनता दल (बीजद) के गढ़ माने जाने वाले ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी हुई है, वहीं ऐसा लग रहा है कि पार्टी के अंदरूनी सत्ता समीकरण भी बदल रहे हैं. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान अभी तक इस तटीय राज्य में भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा माने जाते रहे हैं. लेकिन, अब ऐसा लग रहा है कि पार्टी अपना रुख बदल रही है और पूर्व आईएएस अफसर अपराजिता सारंगी को अपने प्रमुख चेहरे के तौर पर पेश कर रही है.  ओडिशा की राजधानी में बड़ी-बड़ी होर्डिग लगी हुई हैं जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यहां से पार्टी प्रत्याशी अपराजिता सारंगी की तस्वीरें हैं लेकिन इनमें धर्मेद्र प्रधान नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि पार्टी, प्रधान के नेतृत्व में एकजुट टीम के रूप में खुद को पेश कर रही है लेकिन सारंगी की हैसियत इससे अलग लग रही है. बिहार में जन्मी 1994 बैच की ओडिशा कैडर की आईएएस सांरगी ने बीते साल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और नवंबर में भाजपा में शामिल हो गईं. वह केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव (मनरेगा) के पद पर थीं. अपराजिता की शादी ओडिशा कैडर के आईएएस अफसर संतोष सारंगी से हुई है. वह अभी सेवा में हैं और केंद्र में नियुक्त हैं.

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परोक्ष रूप से सत्ता समीकरण में हो रहे बदलाव की एक वजह यह समझी जा रही है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं पाने की स्थिति में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल से गठबंधन की तरफ देख रही है.  पटनायक कह चुके हैं कि किसी को भी केंद्र में बहुमत नहीं मिलने जा रहा है और उनकी पार्टी केंद्र सरकार के गठन में बड़ी भूमिका निभाने जा रही है.  हालांकि, भाजपा ने साफ किया है कि पार्टी में किसी भी तरह से कोई पावर शिफ्ट नहीं हो रहा है.  एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि केवल सारंगी ही नहीं, पूरे ओडिशा में ऐसे कई पार्टी प्रत्याशी हैं जिन्होंने अपने पोस्टर पर केवल खुद की और नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई हुई है. इसमें कोई खास बात नहीं है. 

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उन्होंने कहा, "अगर सत्ता समीकरण बदले होते तो धर्मेद्र प्रधान पूरे राज्य में पार्टी के लिए प्रचार नहीं कर रहे होते. यह अपराजिता सारंगी कर रही होतीं." ओडिशा में चुनाव चार चरणों में हो रहे हैं. 

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इनपुट : आईएनएस