चुनाव आयोग ने रद्द किया अनंतनाग का लोकसभा उपचुनाव, जानें क्या है कारण

चुनाव आयोग ने रद्द किया अनंतनाग का लोकसभा उपचुनाव, जानें क्या है कारण

खास बातें

  • गृहमंत्रालय 300 कंपनी से ज्यादा देने को तैयार नहीं है
  • चुनाव आयोग ने 747 कंपनियां मांगी
  • हिंसक वारदातों के चलते अनंतनाग का चुनाव टाला गया
नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने अनंतनाग में लोकसभा उपचुनाव रद्द करते हुए कहा कि फिलहाल की स्थिति चुनाव कराने योग्य नहीं है. यहां 25 मई को चुनाव होना था. कश्मीर घाटी में बिगड़े हालात की वजह से यह फैसला लिया गया है. चुनाव आयोग अनंतनाग के लिए सेना की 600 से ज्यादा कंपनी चाहता है, लेकिन गृहमंत्रालय 300 कंपनी से ज्यादा देने को तैयार नहीं है. गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग को बता दिया था कि वह अनंतनाग के उपचुनाव के लिए सिर्फ़  30,000 अर्धसैनिक बल भेज सकता है. चुनाव आयोग ने मंत्रालय से 74000 सुरक्षाकर्मी मई 12 तक इलाक़े में तैनात करने को कहा था. एक वरिष्ठ अफसर ने एनडीटीवी से कहा कि हमने आयोग को बता दिया है कि सिर्फ़ 300 कंपनियां भेज सकते हैं, इससे ज़्यादा नहीं.

चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कहा है कि उसे 747 कंपनियां चाहिए जो 12 मई तक उसे मिल जानी चाहिए ताकि तैनाती हो सके. एक कंपनी में 100 सुरक्षाकर्मी होते हैं. चुनाव आयोग की ये मांग इसलिए अद्भुत थी, क्योंकि हाल में पांच राज्यों में चुनाव ख़त्म हुए हैं और सभी राज्यों में कुल मिलाकर 70000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे. सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा की सीटें हैं और 80 लोकसभा की.

श्रीनगर इलाक़े में 9 अप्रैल को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था लेकिन हिंसा की वारदातों को देखते हुए अनंतनाग में उपचुनाव टाल दिया गया था. गृह मंत्रालय के मुताबिक़ औसतन संसदीय चुनाव के लिए 10 कंपनियां कम्पनिया तैनात की जाती हैं यानी 1000 सुरक्षा कर्मी. केन्द्रीय गृह मंत्रालय चुनाव आयोग से कहने वाला है कि इतनी जल्दी ये संभव नहीं है. आयोग को उसे कुछ समय देना होगा. आज की तारीख़ में 150 कम्पनियां घाटी में तैनात हैं यानी 15000 अर्ध सैनिक बल. कुल मिलाकर अर्ध सैनिक बलों की संख्या दस लाख के क़रीब है लेकिन वो अलग अलग राज्यों में तैनात हैं. हालांकि PDP चुनाव को टालने के लिए आयोग को पहले ही चिट्ठी लिख चुकी है.


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