नीतीश कुमार को लेकर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, कहा- याचिका में जानकारी गुमराह करने वाली

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को अपने जवाब में कहा कि हमें नहीं पता कि याचिकाकर्ता ने नीतीश कुमार का चुनावी हलफनामा कहां से हासिल किया.

नीतीश कुमार को लेकर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, कहा- याचिका में जानकारी गुमराह करने वाली

सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो

खास बातें

  • 19 मार्च को होगी मामले में अगली सुनवाई
  • चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था जवाब
  • आयोग ने की याचिका खारिज करने की मांग
नई दिल्ली:

नीतीश कुमार को बिहार के सीएम पद के लिए अयोग्य घोषित करने को लेकर दायर याचिका के संबंध में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है. कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में आयोग ने कहा है कि नीतीश कुमार के खिलाफ दायर याचिका गुमराह करने वाली है. आयोग ने कोर्ट से इस याचिका को खारिज करने की भी मांग की है. गौरतलब है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी.

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जिसमें कुमार को पद से हटाए जाने की मांग की गई थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए हलफनामें की सत्यता की जांच करते हुए चार हफ्ते में जवाब देने को कहा था. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं और यह याचिका गलत तथ्यों पर आधारित है.  इसमें दी गई जानकारी गुमराह करने वाली है और ये अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग है. आयोग के अनुसार नीतिश कुमार ने 2012 और 2015 में बिहार विधानसभा का चुनाव नहीं लडा था.

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इसी तरह उन्होंने 2013 में भी बिहार विधान परिषद MLC का चुनाव नहीं लडा. आयोग ने अपने जवाब में कहा है कि हमें पता नहीं याचिकाकर्ता एम एल शर्मा ने नीतीश कुमार का चुनावी हलफनामा कहां से हासिल किया है. इस मामले से याचिकाकर्ता के किसी भी मौलिक अधिकारों का हनन नहीं हुआ है. आयोग के अनुसार अगर ऐसा कुछ था तो  याचिकाकर्ता को चुनाव आयोग को याचिका या पुलिस को शिकायत देनी चाहिए थी. आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से इस याचिका को खारिज करने और याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना लगाने की मांग भी की है.

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ध्यान हो कि इससे पहले  नीतीश कुमार को बिहार सीएम के पद से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर  सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से 4 हफ्ते में जवाब देने को कहा था. वकील एमएल शर्मा ने याचिका दाखिल कर कहा था कि 2004 से 2015  के दौरान नीतीश कुमार ने हलफ़नामे में ये खुलासा नहीं किया कि 1991 में उन पर हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी.

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लिहाजा नीतीश कुमार को सीएम पद के लिए अयोग्य घोषित किया जाए. याचिका में नीतीश कुमार के खिलाफ हत्या के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग भी की गई है. इस मामले में गली सुनवाई 19 मार्च को होनी है. 


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