चुनाव आयोग ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक, EVM हो सकता है सबसे बड़ा मुद्दा

चुनाव आयोग ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इसमें ईवीएम और उसके साथ छेड़छाड़ की आशंका का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण रहने की उम्मीद है

चुनाव आयोग ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक, EVM हो सकता है सबसे बड़ा मुद्दा

चुनाव आयोग ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक (फाइल फोटो)

खास बातें

  • लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई
  • EVM के साथ छेड़छाड़ की आशंका का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण रहने की उम्‍मीद
  • चुनाव आयोग का कहना है कि यह सभी पक्षों की वार्षिक बैठक है
नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इसमें ईवीएम और उसके साथ छेड़छाड़ की आशंका का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण रहने की उम्मीद है. आयोग के सूत्रों का कहना है कि बैठक सिर्फ ईवीएम के संबंध में नहीं है, बल्कि यह सभी पक्षों की वार्षिक बैठक है. हालांकि कुछ दलों द्वारा ईवीएम की कथित हैकिंग और और इनसे छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया जा सकता है, लेकिन उम्मीद है कि आयोग सभी को याद दिलाएगा कि पिछले वर्ष दी गई छेड़छाड़ की चुनौती में कोई भी ईवीएम को हैक नहीं कर पाया था. चुनाव आयोग ने इस बैठक के लिए 7 राष्ट्रीय और 51 क्षेत्रीय दलों को न्योता भेजा है. 

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आयोग के एक पदाधिकारी ने कहा, 'चूंकि लोकसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं, ऐसे में यह प्रासंगिक ही है कि चुनाव आयोग सभी दलों से मिलेगा. बैठक के एजेंडे में पेड न्यूज, आचार संहिता का उल्लंघन, भड़काऊ भाषण आदि प्रमुख मुद्दा रहेंगे. चुनाव आयोग दलों को बताएगा कि आम चुनाव से पहले आधुनिक ईवीएम और पेपर ट्रेल मशीनों की खरीद की प्रक्रिया कहां तक पहुंची है.'

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आयोग की ओर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सभी सात राष्ट्रीय और 51 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रतिनिधियों को इस बैठक में बुलाया गया है. बैठक के एजेंडे में मतदाता सूचियों को त्रुटिरहित बनाने के उपायों, राजनीतिक दलों में संगठन के स्तर पर और उम्मीदवारी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने तथा चुनाव में खर्च की सीमा तय करने सहित अन्य मुद्दे शामिल हैं.

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इसके अलावा राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च की सालाना ऑडिट रिपोर्ट को समय से पेश करने, ऑनलाइन चुनाव प्रचार को बढ़ावा देने तथा मतदान से 48 घंटे पहले सोशल मीडिया पर उम्मीदवार अथवा राजनीतिक दलों के प्रति पूर्वाग्रहपूर्ण अभियान को रोकने के मुद्दों पर भी बैठक में विचार किया जायेगा.  (इनपुट: भाषा)

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