नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने मंगलवार को चुनावी खर्चे का ब्यौरा नहीं देने पर पीए संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की मान्यता निलंबित कर दी।
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि यह पहली बार है, जब आयोग ने उसके निर्देशों का पालन नहीं करने पर चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 में दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक दल की मान्यता निलंबित करने जैसा कदम उठाया हो।
सत्तारूढ़ राजग गठबंधन के घटक दल नेशनल पीपुल्स पार्टी मेघालय में मान्यता प्राप्त राज्यस्तरीय पार्टी है।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि अगर एनपीपी 'उचित' ब्यौरा देकर चुनाव आयोग को संतुष्ट कर पाता है तो मान्यता पर निलंबन वापस लिया जा सकता है।
उन्होंने कहा, 'मान्यता खत्म करने से पहले यह अंतिम नोटिस है। हम फिलहाल पार्टी की मान्यता रद्द की हुई मानेंगे। वैसे पार्टी की मान्यता समाप्त नहीं हुई है।' 'कॉमन कॉज बनाम भारत संघ' मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद आयोग सभी राजनीतिक दलों को विधानसभा चुनावों के 75 दिन तथा लोकसभा चुनावों के 90 दिन के भीतर अपने चुनावी खर्चे का ब्यौरा सौंपने के निर्देश जारी कर चुका है।
आयोग ने एनपीपी को लोकसभा चुनाव 2014 के चुनावी खर्चे का ब्यौरा सौंपने के लिए दो बार स्मरण पत्र भेजे थे।