यह ख़बर 28 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

त्रिपुरा में पांचवीं बार जीता लेफ्ट, मेघालय, नगालैंड में भी सत्ता नहीं बदली

खास बातें

  • त्रिपुरा की सत्ता पर बीते दो दशक से आसीन वाम मोर्च ने लगातार पांचवीं बार बड़ी जीत दर्ज की है। दूसरी ओर, मेघालय में कांग्रेस और नगालैंड में नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) भी अपनी-अपनी सत्ता सुरक्षित रखने में कामयाब हुए हैं।
नई दिल्ली:

त्रिपुरा की सत्ता पर बीते दो दशक से आसीन वाम मोर्च ने लगातार पांचवीं बार बड़ी जीत दर्ज की है। दूसरी ओर, मेघालय में कांग्रेस और नगालैंड में नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) भी अपनी-अपनी सत्ता सुरक्षित रखने में कामयाब हुए हैं। वाम मोर्चा ने त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा में 46 सीटें जीत ली हैं और चार स्थानों पर आगे चल रहा है। इसमें मोर्चे का प्रमुख घटक माकपा ने 45 सीटें जीती हैं। भाकपा को भी एक सीट मिली है।

उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित स्टार प्रचारकों के चुनामी समर में उतरने के बावजूद यहां कांग्रेस की हालत बेहद पतली रही। दोपहर साढ़े तीन बजे तक रुझानों-नतीजों के अनुसार कांग्रेस के खाते में आठ सीटें गई हैं और वह दो स्थानों पर आगे है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने धानपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवार शाह आलम को 6,017 मतों से पराजित कर दिया है।

वाम मोर्चा की ओर से जीत दर्ज करने वाले कुछ प्रमुख उम्मीदवार कारागार मंत्री महेंद्र रियांग, वित्तमंत्री बादल चौधरी, कृषि मंत्री अघोर देवशर्मा और उद्योग मंत्री जीतेंद्र चौधरी हैं। मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस-यूडीपी गठबंधन को फिर बहुमत मिल रहा है। यह गठबंधन 60 सीटों में से 17 पर जीत दर्ज कर चुका है और 21 पर आगे है। राज्य में कांग्रेस ने पांच स्थानों पर जीत दर्ज की और 24 सीटों पर आगे चल रही है। उसकी सहयोगी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने तीन स्थानों पर जीत दर्ज की है और तीन पर बढ़त बनाए हुए है। मुख्यमंत्री मुकुल संगमा, उनकी पत्नी डीडी शिरा और बेटे जेनिथ संगमा ने बड़ी जीत दर्ज की है।

मेघालय में निवर्तमान विधानसभा की इकलौती महिला विधायक अमपरीन लिंगदोह पूर्वी शिलांग सीट-16 से फिर जीत गई हैं। उन्होंने यहां पूर्व मुख्यमंत्री बीएम लिंगदोह को चार हजार से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया। कैबिनेट मंत्री एचडीआर लिंगदोह और प्रिस्टोन तिनसोंग क्रमश: सोहिओंग और पिनुरसला सीटों पर फिर वापसी करने में कामयाब रहे हैं। लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा की नवगठित नेशनल पीपुल्स पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई है। वह महज एक सीट जीत पाई है और एक पर आगे है।  राज्य में 23 फरवरी को मतदान हुआ था। यहां कुल 345 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे।

नगालैंड में भी सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) फिर स्पष्ट बहुमत पाता नजर आ रहा है। उसने 60-सदस्यीय विधानसभा में 26 सीटें जीत ली हैं और 10 पर आगे चल रहा है। कांग्रेस ने महज चार सीटों पर दर्ज की है और तीन पर आगे चल रही है। इसके अलावा एनसीपी ने चार सीटें जीती हैं। जेडीयू ने भी एक सीट जीत ली है। नगालैंड में बीजेपी ने अपना खाता खोल लिया है। पार्टी के उम्मीदवार पी पाइवांग कोनयाक ने तिजित सीट पर एनपीएफ के आलोह को 3076 मतों से पराजित किया।

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राज्य के मुख्यमंत्री नेइफियू रियो ने उत्तरी अनगामी सीट पर जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार केविसे सोगोत्सू को 12,671 मतों के अंतर से पराजित किया। शिक्षा मंत्री नेयिवांग कोनयाक को कांग्रेस उम्मीदवार एशाक कोनयाक ने ओबोई सीट पर 693 मतों के अंतर से हरा दिया है। पुगोबोतो सीट पर एनपीएफ के वाई विखेहो सू ने कांग्रेस उम्मीदवार एवं निवर्तमान विधायक जोशुआ सुमी को 2286 मतों के अंतर से पराजित कर दिया। फोमचिंग सीट पर एनपीएफ उम्मीदवार और पूर्व मंत्री पोहवांग ने कांग्रेस के पांच बार से विधायक कोनगाम कोनयाक को 2437 मतों से हरा दिया। राज्य में विधानसभा की कुल 60 सीटें हैं, लेकिन तुएनसांग सदर सीट पर चुनाव नहीं हुआ, क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार पी छुबा चांग का निधन हो गया था।