राज्यसभा की 59 सीटों के लिए चुनाव कल, यूपी, झारखंड और कर्नाटक में BJP-Cong के बीच होगा दिलचस्‍प मुकाबला

भारतीय जनता पार्टी के 27 उम्मीदवार; रिटायर होने वाले सभी आठ केंद्रीय मंत्री चुनाव मैदान में; कुछ स्थानों पर टक्कर, अधिकांश उम्मीदवारों के निर्विरोध आने की संभावना

राज्यसभा की 59 सीटों के लिए चुनाव कल, यूपी, झारखंड और कर्नाटक में BJP-Cong के बीच होगा दिलचस्‍प मुकाबला

राज्यसभा की 59 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होंगे.

खास बातें

  • 58 सीटों के लिए चुनाव और केरल में एक सीट के लिए उपचुनाव
  • उत्तर प्रदेश से कुल 10 उम्‍मीदवार इस बार राज्‍यसभा पहुंचेंगे
  • छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना और झारखंड में होगा मुकाबला
नई दिल्ली:

राज्यसभा की 59 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होना हैं. इन चुनावों में एक उपचुनाव भी शामिल है. इसके लिए वैसे तो ज्‍यादातर राज्‍यों में उम्‍मीदवार निर्विरोध ही चुने जाते दिख रहे हैं लेकिन कुछ जगहों पर मुकाबला भी हो रहा है. हालांकि गुजरात में अहमद पटेल की राज्यसभा सीट के लिए जिस तरह कांटे की टक्कर देखी गई, वैसे होने की संभावना नहीं है.

सबसे पहले बात करते हैं बीजेपी की जिसके 27 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. रिटायर होने वाले सभी आठ केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतारा गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली यूपी, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत एमपी, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर महाराष्ट्र, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बिहार, कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और रसायन राज्यमंत्री मनसुख भाई मंडाविया गुजरात से उम्मीदवार होंगे. इसके अलावा बीजेपी के संगठन से भी कई नेता राज्यसभा पहुंचेंगे. पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव राजस्थान, डॉक्टर अनिल जैन यूपी और सरोज पांडे छत्तीसगढ़ से, पार्टी प्रवक्ता अनिल बलूनी उत्तराखंड और जीवीएल नरसिम्हा राव यूपी से, केरल बीजेपी के नेता वी मुरलीधरन महाराष्ट्र से राज्यसभा आएंगे.

इस बार 58 सीटों पर चुनाव के साथ ही केरल में एक उपचुनाव भी होना है. जिन राज्‍यों में राज्‍यसभा चुनाव होने हैं उन पर नजर डालें तो आंध्र प्रदेश में 3 सीटों पर चुनाव होने हैं और वहां कोई मुकाबला नहीं है. तीनों ही उम्‍मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं. तेलुगूदेशम पार्टी के दो उम्‍मीदवार सीएम रमेश और के रविंद्र कुमार तथा वाईएसआर कांग्रेस के वी प्रभाकर रेड्डी का निर्विरोध चुन लिए गए हैं .

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बिहार की बात करें तो वहां से भी सभी 6 उम्‍मीदवार निर्विरोध चुने जाएंगे जिनमें से जेडीयू के दो उम्‍मीदवार वशिष्‍ठ नारायण सिंह और महेंद्र प्रसाद, बीजेपी से रविशंकर प्रसाद, राजद से मनोज झा व अश्‍फाक करीम और कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह शामिल हैं.

वहीं छत्तीसगढ़ में बीजेपी के सरोज पांडे और कांग्रेस के लेखराम साहू में मुकाबला है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में वर्तमान में 90 विधायक हैं. ऐसे में एक राज्‍यसभा उम्‍मीदवार को जीत के लिए 46 मतों की जरूरत है. बीजेपी के पास 49 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 39. वहीं एक विधायक बसपा का और ए‍क निर्दलीय है. वैसे तो बीजेपी जीतती दिख रही है लेकिन अगर क्रॉस वोटिंग हुई तो तस्‍वीर कुछ और हो सकती है.

गुजरात की 4 सीटों के लिए कोई मुकाबला नहीं है. बीजेपी के पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख भाई मांडविया का राज्‍यसभा पहुंचना तय है तो कांग्रेस के अमी यागनिक और नरायण राठवा भी निर्विरोध राज्‍यसभा पहुंच रहे हैं. हरियाणा की एक मात्र सीट पर बीजेपी के लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीपी वत्‍स का चुना जाना तय है. हिमाचल प्रदेश से बीजेपी के जेपी नड्डा बिना किसी विरोध के राज्‍यसभा पहुंच रहे हैं.

कर्नाटक में मुकाबला देखने को मिल सकता है. कर्नाटक में इस बार राज्‍यसभा की कुल चार सीटों पर चुनाव होना है. कांग्रेस ने तीन उम्‍मीदवार मैदान में उतारे हैं. पार्टी ने एल हनुमतिया, नासिर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर को मैदान में उतारा है. बीजेपी की ओर से राजीव चंद्रशेखर मैदान में हैं जबकि जेडीएस ने बीएम फारूक को टिकट दिया है. राज्‍य में कुल 224 विधायक हैं और एक सीट के लिए 44 वोटों की जरूरत है. कांग्रेस के पास कुल 132 वोट हैं जिनमें निर्दलीय और जेडीएस के 7 बागी भी शामिल हैं. वहीं बीजेपी के पास 46 तो जेडीएस के पास 30 वोट हैं. इस तरह कांग्रेस के सभी तीन और बीजेपी के एकमात्र उम्‍मीदार की जीत तय लग रही है.

मध्‍यप्रदेश में भी कोई मुकाबला होता नहीं दिख रहा है. बीजेपी के चारों और कांग्रेस का एक उम्‍मीदवार आसानी से राज्‍यसभा जाता दिख रहा है. बीजेपी यहां से थावरचंद गहलोत, धर्मेंद्र प्रधान, अजय प्रताप सिंह और कैलाश सोनी को राज्‍यसभा भेज रही है तो कांग्रेस ने राजमणि पटेल को यहां से टिकट दिया है.

महाराष्‍ट्र से भी सभी 6 उम्‍मीदवार बिना किसी मुश्किल के ऊपरी सदन पहुंच रहे हैं. बीजेपी से नारायण राणे, प्रकाश जावड़ेकर और वी मुरलीधरन, कांग्रेस से कुमार केतकर, एनसीपी से वंदना चव्‍हाण को तो शिवसेना अनिल देसाई को राज्‍यसभा भेज रही है.

तेलंगाना में मुकाबला होता दिख रहा है. टीआरएस ने जे संतोष कुमार, बी लिंगैया यादव और बी प्रकाश मुदिराज को टिकट दिया है तो कांग्रेस की ओर से बलराम नायक मैदान में हैं. राज्‍य में एक सीट के लिए 30 वोटों की जरूरत है. यहां टीआरएस के 91 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 12. इस तरह टीआरएस के तीनों उम्‍मीदवार राज्‍यसभा के लिए चुने जाएंगे.

उत्तर प्रदेश से कुल 10 उम्‍मीदवार इस बार राज्‍यसभा पहुंचेंगे. बीजेपी के 8 उम्‍मीदवार अरुण जेटली, अशोक बाजपेयी, विजय पाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता करदम, अनिल जैन, हरनाथ सिंह यादव और जीवीएल नरसिम्‍हा राव राज्‍यसभा पहुंच रहे हैं तो समाजवादी पार्टी ने जया बच्‍चन को अपना एकमात्र टिकट दिया है. बसपा की ओर से भीमराव अंबेडकर को उम्‍मीदवार बनाया गया है जबकि निर्दलीय उम्‍मीदवार अनिल अग्रवाल का बीजेपी समर्थन कर रही है. राज्‍य में कुल 403 सीटें हैं जिनमें से बीजेपी व सहयोगी दलों के पास 324 सीटें हैं. सपा के पास 47, बसपा के पास 19 और कांग्रेस के पास 7 सीटें हैं. ऐसे में बीजेपी के 8 उम्‍मीदवारों और सपा की ओर से जया बच्‍चन का तो राज्‍यसभा जाना तय लग रहा है. लेकिन 10वीं सीट के लिए कड़ा मुकाबला हो सकता है क्‍योंकि सपा के बचे 10 वोट और कांग्रेस के 7 वोट भी बसपा को मिल जाते हैं तो भी उसे 1 वोट की जरूरत होगी. ऐसे में दिलचस्‍प मुकाबल देखने को मिल सकता है.

उत्तराखंड से बीजेपी के अनिल बलूनी निर्विरोध राज्‍यसभा पहुंच रहे हैं. पश्चिम बंगाल की 5 सीटों के लिए भी मामूली मुकाबला हो सकता है. राज्‍य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने 4 उम्‍मीदवारों नदीमुल हक, सुभाशिष चक्रवर्ती, अबिर विश्‍वास और शांतनु सेन को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने अभिषक मनु सिंघवी को यहां से उम्‍मीदवार बनाया है. सीपीआईएम रबिन देव को टिकट दिया है. यहां एक सीट के लिए 50 वोट चाहिए. तृणमूल के पास 213 वोट हैं और वह अपने चारों उम्‍मीदवारों को राज्‍यसभा भेज सकती है. कांग्रेस के पास 42 वोट हैं और उसे तृणमूल के अतिरिक्‍त 13 वोटों की जरूरत होगी जो संभवत: उसे मिल भी जाएं. सीपीआईएम के पास 26 वोट हैं, ऐसे में मामूल प्रतियोगिता हो सकती है लेकिन तृणमूल के 4 और कांग्रेस के एकमात्र उम्‍मीदवार का चुना जाना लगभग तय है.

ओडिशा की 3 सीटों के लिए कोई मुकाबला नहीं है और बीजू जनता दल (बीजेडी) के प्रशांत नंदा, सौम्‍या रंजन पटनायक और अच्‍युत सामंत राज्‍यसभा पहुंच रहे हैं. राजस्‍थान में भी कोई मुकाबला नहीं है और बीजेपी के तीनों उम्‍मीदवार भूपेंद्र यादव, डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और मदन लाल सैनी का चुना जाना तय है.

झारखंड में भी मुकाबला देखने को मिल सकता है. बीजेपी ने यहां से समीर उरांव और प्रदीप कुमार सोंथालिया को उम्‍मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने धीरज साहू को मैदान में उतारा है. यहां एक सीट के लिए 28 वोटों की जरूरत है. बीजेपी के पास 43 वोट हैं और उसकी सहयोगी आजसू के भी 4 वोट हैं. इस तरह उसके पास 47 वोट हैं और 9 वोटों की और जरूरत होगी. झारखंड मुक्ति मोर्चा के 19 वोट, कांग्रेस के 7, जेवीएम(पी) के 2, बसपा, एमसीसी, और सीपीआई(एमएल) का एक-एक वोट है जबकि 3 निर्दलीय हैं. यहां मुकाबल दिलचस्‍प हो सकता है.

केरल में एलडीएफ से वीरेंद्र कुमार और यूडीएफ से बाबू प्रसाद चुनाव मैदान में हैं. यहां पर जीत के लिए 71 वोटों की जरूरत होगी और सीपीआईएम के 90 विधायक हैं. यहां वीरेंद्र कुमार की जीत पक्की है.  

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राज्यसभा में वर्तमान में बीजेपी के 58 और कांग्रेस के 54 सांसद हैं. राज्यसभा चुनाव के बाद यह तस्वीर बदल सकती है. बीजेपी के अब 69 से 70 सांसद हो सकते हैं. यह यूपी के राज्यसभा चुनाव परिणाम से तय होगा. जबकि कांग्रेस के सांसदों की संख्या चुनाव पश्चात 50 हो सकती है. कुल 59 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. बीजेपी द्वारा इनमें से 28 से 29 सीटें जीतने की संभावना है. फिलहाल इनमें से 17 सीटें उसके पास हैं. यानी कि उसे 11 से 12 सीटों की बढ़त मिल सकती है. कांग्रेस की इन सीटों में से 13 सीटें हैं और उसकी 9 सीटें फिर से हासिल करने की संभावना है. इस तरह उसे 4 सीटों का नुकसान हो सकता है.


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