Election Results 2019: हरियाणा, महाराष्ट्र विधानसभा और उपचुनाव के नतीजों की पूरी डिटेल

हरियाणा में बीजेपी सबसे बड़ा दल है. कल पूरे दिन लगातार ये सवाल उठता रहा कि हरियाणा में अब क्या बीजेपी निर्दलीय के सहारे सत्ता में आएगी या उसे जेजेपी का समर्थन हासिल होगा.

Election Results 2019: हरियाणा, महाराष्ट्र विधानसभा और उपचुनाव के नतीजों की पूरी डिटेल

Election Results 2019: समाजवादी पार्टी को उपचुनाव में फायदा हुआ है

खास बातें

  • जनता ने स्थानीय मुद्दों पर दिया वोट
  • हरियाणा में जाटों की नाराजगी पड़ी भारी
  • उपचुनाव में सपा को फायदा
नई दिल्ली:

केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद पहली बार दो राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए.  महाराष्ट्र और हरियाणा में आए चुनाव परिणाम अब सबके सामने हैं. इसके साथ ही अन्य राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजे भी साफ हैं. महाराष्ट्र में जहां बीजेपी-शिवसेना को बहुमत हासिल हुआ है वहीं हरियाणा में बीजेपी ने जहां 75 पार का नारा दिया था उसे जनता ने झटका देते हुए 90 में से 40 सीटें दिलाई हैं जो पिछली बार की तुलना में 7 कम हैं. हरियाणा में बीजेपी सबसे बड़ा दल है. कल पूरे दिन लगातार ये सवाल उठता रहा कि हरियाणा में अब क्या बीजेपी निर्दलीय के सहारे सत्ता में आएगी या उसे जेजेपी का समर्थन हासिल होगा. लेकिन अब सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि 6 निर्दलीय विधायक बीजेपी को समर्थन देने को तैयार हैं. अगर ये समर्थन बीजेपी को हासिल हो जाता है तो सरकार बनाने के लिए जेजेपी के समर्थन की ज़रूरत नहीं होगी. 

कौन हैं वे निर्दलीय विधायक
गोपाल कांडा (सिरसा), चौधरी रणजीत चौटाला(रानिया), राकेश दौलताबाद(बादशाहपुर), नयनपाल रावत(पृथला),सोपबीर सांगवान(दादरी) बलराज कुंडू(महम). इनमें बलराज कुंडू, नयनपाल रावत,सोमबीर सांगवान इन तीनों ने बीजेपी से टिकट न मिलने पर चुनाव से पहले पार्टी छोड़ी थी. 

आज दिल्ली में जेजेपी की बैठक
आज दिल्ली में पार्टी विधायक दल की बैठक हो रही है. जिसमें आगे की रणनीति पर फ़ैसला लिया जाएगा. बीजेपी बहुमत से 6 सीट पीछे है तो कांग्रेस 15 सीट. ऐसे में जेजेपी सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है... 

महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनना तय
महाराष्ट्र में एक बार फिर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनना तय है. लेकिन नतीजों में जीत के साथ बीजेपी को झटका भी लगा है. 200 पार का नारा बेमानी साबित हुआ और मंत्री पंकजा मुंडे समेत पार्टी के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा. महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 104 पर जीत मिली है। वहीं सहयोगी शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 54 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस के खाते में 43 सीटें गई हैं. 

पीएम मोदी ने क्या कहा
पीएम मोदी के भाषण से ये साफ़ हुआ कि इस बार खासकर हरियाणा में कहीं न कहीं सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा. हालांकि पिछली बार की तुलना में 3% बीजेपी के वोट प्रतिशत में इज़ाफ़ा भी हुआ है लेकिन सीटें 7 कम रह गईं. लेकिन पीएम ने साफ़ किया कि हरियाणा और महाराष्ट्र में फडणवीस और खट्टर का पहला अनुभव था.

अमित शाह ने की दोनों मुख्यमंत्रियों की तारीफ
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, 'महाराष्ट्र में और हरियाणा में मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र जी का भी और खट्टर जी का भी पहला अनुभव, ये दोनों लोग कभी किसी सरकार में मंत्री भी नहीं थे. इन दोनों ने 5 वर्ष तक हरियाणा और महारष्ट्र की जो सेवा की उसका परिणाम है कि इन्हें जनता ने दुबारा चुना. आने वाले 5 वर्ष महाराष्ट्र के और हरियाणा के विकास की नई ऊंचाइयों को पार करने वाला कार्यकाल रहेगा. ऐसा मुझे पूरा विश्वास है.'

प्रियंका गांधी कांग्रेस के प्रदर्शन पर खुश
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दोनों राज्यों में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर ख़ुशी ज़ाहिर की. साथ ही प्रियंका ने गुड़गांव में काउंटिंग के दौरान गड़बड़ी होने का आरोप लगाया.

उपचुनाव के नतीजे
भाजपा और इसके सहयोगी दलों ने 18 राज्यों में 51 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में बृहस्पतिवार को आधी से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की. 

उत्तर प्रदेश में सपा को फायदा
उपचुनावों में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को सबसे बड़ा फायदा हुआ, जिसने सत्तारूढ़ बीजेपी और बीएसपी से एक-एक सीट छीनी है. राज्य में एनडीए ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की. इस तरह उसे एक सीट का नुकसान हुआ. कुल 11 विधानसभा सीटों में भाजपा ने सात और उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने एक सीट जीती. सपा ने जैदपुर सीट भाजपा से और जलालपुर सीट बसपा से छीनकर अपने खाते में डाली. रामपुर सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रहा. भाजपा ने बलहा, गंगोह, मानिकपुर, घोसी, इगलास, लखनऊ कैण्ट और गोविन्दनगर सीटों पर जीत हासिल की जबकि अपना दल (एस) ने प्रतापगढ़ सीट बरकरार रखी. 

बिहार में नीतीश कुमार को संदेश
बिहार में सत्तारूढ़ जद (यू) को तगड़ा झटका लगा. पार्टी ने विधानसभा उपुचनाव में कुल पांच में से चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे एक पर ही जीत मिली. वहीं, आरजेडी ने दो सीटें जीती, जबकि एआईएमआईएम एक सीट पर विजयी रही. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विजेता रहा. बीजेपी के बागी उम्मीदवार करनजीत सिंह ने दरौंदा सीट बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीती. हैदराबाद के सांसद ओवैसी नीत एआईएमआईएम ने मुस्लिम बहुल सीट किशनगंज पर जीत दर्ज कर राज्य में दस्तक दी. जद (यू) सिर्फ नाथनगर सीट ही जीत पाई जहां उसके उम्मीदवार लक्ष्मी कांत मंडल ने राजद की राबिया खातून को 5,000से अधिक वोटों के अंतर से हराया.  जिन पांच सीटों पर उपचुनाव हुए उनमें चार सीटें भाजपा के सहयोगी दल जद(यू) के पास थी जबकि एक पर कांग्रेस का कब्जा था. 

मध्य प्रदेश में कांग्रेस को फायदा
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने अपनी परंपरागत सीट झाबुआ मुख्य विपक्षी दल भाजपा से छीन ली है. इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा उम्मीदवार भानू भूरिया को 27 हजार 804 मतों से हरा दिया है. राज्य विधानसभा में कांग्रेस के अब 115 सदस्य हो गये हैं और 230 सदस्यीय विधानसभा में यह सामान्य बहुमत से एक सीट पीछे रह गई है.  

छत्तीसगढ़ में सरकार की ताकत बढ़ी
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित चित्रकोट विधानसभा सीट में कांग्रेस के राजमन बेंजाम ने अपने निकटतम भारतीय जनता पार्टी के लच्छुराम कश्यप को 17862 मतों से पराजित किया है. इस चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अब राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 69 विधायक हो गए हैं, तथा भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 14 ही रह गई है. 

राजस्थान में भी कांग्रेस हुई मजबूती
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने मंडावा (झुंझुनू) विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की है. वहां कांग्रेस की रीटा चौधरी ने भाजपा की सुशीला सींगड़ा को 33,704 मतों से हराया. इस जीत के साथ 200 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़ कर 107 हो गई, जिसमें वे छह विधायक भी हैं जो पिछले महीने बसपा से दलबदल कर कांग्रेस में शामिल हो गये थे. 

पंजाब में भी कांग्रेस मजबूत
उपचुनाव के नतीजों के साथ पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भी अपनी स्थिति मजबूत की है. जलालाबाद सीट पर पार्टी के उम्मीदवार रमिंदर अवला ने शिअद के राज सिंह दीबीपुरा को 16,633 वोटों के अंतर से हराया. इस सीट को अकालियों का गढ़ माना जाता था. इस सीट का, इससे पहले शिरोमणि अकाली प्रमुख सुखबीर सिंह बादल प्रतिनिधित्व करते थे जो मई में हुए आमचुनाव में लोकसभा के लिये निर्वाचित हो गये थे. फगवाड़ा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार एवं पूर्व आईएएस अधिकारी बलविंदर सिंह धालीवाल ने बीजेपी उम्मीदवार राजेश बाघा को 26,116 मतों से हरा दिया. वहीं, दाखा सीट पर शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी मनप्रीत सिंह इयाली ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस उम्मीदवार संदीप सिंह संधू को 14,672 मतों से पराजित कर दिया. कांग्रेस उम्मीदवार इंदु बाला ने मुकेरियां विधानसभा सीट पर जीत हासिल की है. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी जंगी लाल महाजन को बृहस्पतिवार को 3,440 वोटों के अंतर से हराया. 

गुजरात में कांग्रेस ने दी टक्कर
गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस ने तीन-तीन सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर राधनपुर से हार गये. उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार रघुभाई देसाई ने करीब चार हजार वोटों के अंतर से हराया. वहीं, बायड और थारड में भी कांग्रेस उम्मीदवार विजयी रहे. जबकि खेलारू, लुनावाडा और अमराईवाडी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की. 

हिमाचल प्रदेश में बीजेपी का जलवा
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनावों में दोनों पर ही भाजपा ने जीत दर्ज कर ली. राज्य में पच्छाड और धर्मशाला सीटों पर इस हफ्ते की शुरूआत में उपचुनाव हुए थे. पच्छाड सीट पर भाजपा की रीना कश्यप ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार गंगू राम मुसाफिर को 2808 वोटों के अंतर से हराया। धर्मशाला में भाजपा प्रत्याशी विशाल नेहरिया ने 6,673 मतों के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं निर्दलीय उम्मीदवार राकेश कुमार को हरा दिया. 

जनता ने क्या दिया बड़ा संदेश
लेकिन दोनों राज्यों में आए चुनावी नतीजे इस बात की ओर ज़रूर इशारा करते हैं कि संघीय ढांचे में लोगों ने विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों की जगह शायद स्थानीय मुद्दों को ज़्यादा तरजीह दी है.  और बीजेपी को अब इस बात पर ध्यान होगा कि अनुच्छेद 370 जैसे राष्ट्रवादी मुद्दे विधानसभा चुनाव में कारगर साबित नहीं होंगे. इसके बाद दिल्ली और झारखंड में चुनाव होने हैं. झारखंड में बीजेपी की सरकार है और वहां पर रघुबर दास राज्य के सीएम हैं. हो सकता है इन चुनावों का असर इन राज्यों पर भी पड़े. कुल मिलाकर यह नतीजे बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए संदेश हैं. कांग्रेस को अब दिल्ली में बैठे चमकदार चेहरों से हटकर स्थानीय नेताओं पर विश्वास कर और उन्हें फैसले लेने का अधिकार भी देना होगा. हरियाणा में जिस तरह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आखिरी समय में कमान सौंपी गई और उनकी अगुवाई में स्थानीय नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में जमकर की मेहनत की है और इसका परिणाम सामने है. 

हरियाणा में नई ताकत बनकर उभरी जेजेपी​

Maharashtra Election Results,   Haryana Election Results

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)