Coronavirus: त्योहार पर बंदिशें हटाने के सवाल पर डॉ हर्ष वर्धन ने कहा, केरल ने इसकी कीमत चुकाई

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने संडे संवाद में कहा, केरल ने ओणम के दौरान घोर लापरवाही की कीमत चुकाई

Coronavirus: त्योहार पर बंदिशें हटाने के सवाल पर डॉ हर्ष वर्धन ने कहा, केरल ने इसकी कीमत चुकाई

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

Coronavirus: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन (Dr Harsh Vardhan) ने संडे संवाद के छठे एपिसोड में सोशल मीडिया (Social Media) के उपयोगकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श किया और उनके प्रश्नों के उत्तर दिए. नवरात्र के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री जी के जन-आंदोलन के आह्वान का सम्मान करें और अन्य लोगों के लिए एम्बेसडर बनकर कोविड अनुकूल व्यवहार का पूरी तरह पालन करें. उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति त्योहारों को पारम्परिक तरीके से अपने घरों में प्रियजनों के साथ मनाएं. केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘इस त्योहारों के मौसम में आयोजन से बढ़कर उपकार पर जोर दिया जाना चाहिए.  त्योहारों का मेरा आयोजन भी विश्व भर में हमें बचाने के लिए संघर्ष कर रहे लाखों कोरोना वारियर्स पर कोविड-19 के प्रभाव के कारण हल्का रहेगा.' 

डॉ हर्ष वर्धन ने हाल ही में केरल में कोविड-19 के मामलों में आए उछाल को लेकर अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि 30 जनवरी से 3 मई के बीच केरल से कोविड-19 के केवल 499 मामलों का पता चला था और 2 मौतें हुई थीं. उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि केरल हाल ही में ओणम त्योहार के दौरान हुई घोर लापरवाही की कीमत भुगत रहा है, जब राज्य में अनलॉक अवधि के दौरान गतिविधियों जैसे कि व्यापार और पर्यटन के लिए अंतर्राज्यीय यात्रा को शुरू किया जा रहा था, तब राज्य के विभिन्न जिलों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हुई. केरल की कोविड-19 के बारे में तस्वीर पूरी तरह बदल गई और दैनिक मामले दोगुना हो गए. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इससे उन सभी राज्यों को सबक लेना चाहिए, जो त्योहारों के मौसम के दिशा-निर्देश जारी करने में लापरवाह रहते हैं.

चीन के इस दावे कि पिछले वर्ष कई देशों में एक साथ नोवेल कोरोना वायरस का फैलाव हुआ था, पर डॉ हर्ष वर्धन ने बताया, “इस बात का कोई प्रमाण नहीं है जिससे इस दावे की वैधता साबित हो सके कि नोवेल कोरोना वायरस का फैलाव विश्व के कई देशों में हुआ था.” उन्होंने कहा हालांकि चीन के वुहान को विश्व में कोरोना के पहले मामले की रिपोर्ट करने के लिए अब भी माना जाता है.

भारत के बाजारों में चीन द्वारा निर्मित ऑक्सीमीटर की भरमार होने के एक प्रश्न के उत्तर में डॉ हर्ष वर्धन ने बताया, “उपभोक्ताओं को बाजार से या ऑनलाइन विक्रेताओं से पल्स ऑक्सीमीटर खरीदते समय एफडीए/सीई स्वीकृत उत्पादों और उनके साथ आईएसओ/आईईसी विनिर्दिष्टताओं को देखना चाहिए.” यद्यपि उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑक्सीजन स्तर में कमी कोविड-19 का लक्षण नहीं है, क्योंकि ऐसा कुछ अन्य चिकित्सीय स्थितियों के कारण भी हो सकता है.

डॉ हर्ष वर्धन ने भरोसा दिलाया कि अभी भारत में कोरोना वायरस में किसी परिवर्तन का पता नहीं चला है, जो कि अधिक प्रसार कुशलता का द्योतक है या रोगजनक है. पिछले एपिसोड के एक प्रश्न के अंतर्गत उनसे राज्यों को दूसरे चरण के अंतर्गत कोविड-19 से संबंधित अनुदान के बारे में पूछा गया था. इससे संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने पहले ही दूसरे चरण के अंतर्गत 33 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को कोविड पैकेज जारी कर दिया है. दूसरे पैकेज में जारी पैकेज की कुल राशि 1352 करोड़ रुपये है. दूसरे चरण के अंतर्गत अगस्त, सितंबर और अक्तूबर, 2020 के महीनों के दौरान किस्तों में राशि जारी की गई है.

डॉ हर्ष वर्धन ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि उनका मंत्रालय महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा दिए जाने को लेकर पीछे नहीं है. भारत में मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा संस्थान एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं, जिनकी मंजूरी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने दी है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के मद्देनजर स्नातकोत्तर चिकित्सा विद्यार्थियों के लिए पेशेवर प्रशिक्षण हेतु मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी कर दी हैं.

एक प्रश्नकर्ता के सुबह की चाय के साथ समाचार पत्र पढ़ने का अवसर नहीं मिलने के कारण आनंद की अनुभूति नहीं होने से संबंधित एक सवाल पर डॉ हर्ष वर्धन ने भरोसा दिलाया कि कोई ऐसा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं, जो साबित कर सके कि समाचार पत्रों से नोवेल कोरोना वायरस का प्रसार होता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि समाचार पत्र पढ़ना कोविड-19 महामारी के दौरान भी पूरी तरह सुरक्षित है.

देश भर में कोविड-19 से हो रही मौतों की संख्या में विसंगतियों से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड-19 से हुई मौतों के सही स्पष्टीकरण का मुद्दा कई बार उठाया है. इसके अलावा सही तौर-तरीके से मौतों की सूचना देने की प्रक्रिया भी साझा की है, ताकि देश भर में कोविड-19 से संबंधित मौतों की सूचना एक समान मिलती रहे.

केन्द्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया कि देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, भारत में वर्तमान में लगभग 6400 मीट्रिक टन प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है, सरकार महामारी के कारण इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए तैयार है. गृह मंत्रालय द्वारा गठित अधिकार प्राप्त समूह देश भर में मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता पर भी नजर रखे हुए है. स्वास्थ्य मंत्रालय भी राज्यों के ऑक्सीजन के संबंधित नोडल अधिकारियों तथा प्रधान सचिवों या मिशन निदेशकों के साथ नियमित वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से क्षेत्रीय स्तर पर मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता और आपूर्ति पर नजर रखे हुए है; राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 1,02,400 मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर दे दिए गए हैं. राष्ट्रीय फॉर्मास्यूटिकल मूल्य प्राधिकरण ने तरल मेडिकल ऑक्सीजन की कीमत तय कर दी है; कोविड-19 के प्रबंधन के लिए ऑक्सीजन के तर्कसंगत उपयोग को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं.

डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि हालांकि इस समय इंट्रानेज़ल (नाक में डालने के लिए) कोई कोविड-19 वैक्सीन परीक्षण के चरण में नहीं है, आने वाले महीनों में नियामक अनुमति मिलने के बाद सीरम इंडिया और भारत बायोटेक द्वारा देश में ऐसे वैक्सीन का नैदानिक परीक्षण करने की आशा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण आमतौर पर हजारों लोगों पर किया जाता है, कुछ मामलों में यह परीक्षण 30 से 40 हजार लोगों पर किया जाता है. यह संभव है कि किसी एक शहर या अस्पताल से परीक्षण के लिए कई सौ लोगों का चयन किया जाए, लेकिन सामान्य तौर पर तीसरे चरण में लोगों की संख्या बहुत अधिक रहती है.

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विपरीत ड्रग रिएक्शन (एडीआर) रिपोर्टिंग और कोविड-19 में काम आ रही दवाओं की निगरानी के विशेष अभियान का विवरण साझा करते हुए डॉ हर्ष वर्धन ने स्पष्ट किया कि यह विशेष अभियान मौजूदा ड्रग के बारे में विपरीत रिएक्शन की खबर होने के कारण नहीं चलाया जा रहा, बल्कि यह कोविड-19 के अग्रसक्रिय तैयारी कार्यक्रम का एक हिस्सा है.

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केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि मुंबई और चेन्नई के लिए विकसित समेकित बाढ़ चेतावनी प्रणालियां तटीय नगरों की आवश्यकता के लिए कुछ नगरों की पूर्वानुमान प्रणाली हैं, इस प्रणाली को कोलकाता के लिए भी लागू किया जाएगा. असम और बिहार जैसे राज्यों में नदियों से बाढ़ आती है, लिहाजा इन नगरों के लिए भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी वर्षा के पूर्वानुमान के आधार पर केन्द्रीय जल आयोग बाढ़ की चेतावनी जारी करता है.