'फेसबुक और नफरत फैलाने वाले भाषण' : इस बड़े विवाद की 10 अहम बातें

सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने भारत में केंद्र में सत्तारूढ़ दल का समर्थन करने के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई कि उसके मंच पर नफरत या द्वेष फैलाने वालों ऐसे भाषणों और सामग्री पर...

'फेसबुक और नफरत फैलाने वाले भाषण' : इस बड़े विवाद की 10 अहम बातें

फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग - फाइल फोटो

नई दिल्ली: सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने भारत में केंद्र में सत्तारूढ़ दल का समर्थन करने के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई कि उसके मंच पर नफरत या द्वेष फैलाने वालों ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहता है. इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसे ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है. फेसबुक के पक्षपातपूर्ण रवैये को लेकर सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्योरोप चल रहे हैं. इन घटनाक्रम के बीच फेसबुक का यह बयान आया है.

फेसबुक से जुड़ी इस मामले में पढ़ें 10 बड़ी बातें :

  1. फेसबुक कंपनी भारत को अपना प्रमुख बाजार मानती है. फेसबुक ने इसके साथ ही यह स्वीकार किया है कि वह नफरत फैलाने वाली सभी सामग्रियों पर अंकुश लगाती है, लेकिन इस दिशा में और बहुत कुछ करने की जरूरत है.

  2. फेसबुक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम हिंसा को बढ़ावा देने वाले भाषणों और सामग्री पर रोक लगाते हैं. हम वैश्विक स्तर पर इन नीतियों को लागू करते हैं. इसमें किसी राजनीतिक दर या विचारधारा का ध्यान नहीं दिया जाता.''

  3. उन्होंने कहा, ''हम जानते हैं कि अभी और बहुत कुछ करने की जरूरत है, हम प्रवर्तन की दिशा में प्रगति कर रहे हैं. किसी तरह के पक्षपात को रोकने के लिए हम नियमित रूप से अपनी प्रक्रियाओं का ऑडिट करते हैं.''

  4. भाजपा ने आरोप लगाया है कि फेसबुक द्वारा राष्ट्रवादी आवाजों को ‘सेंसर' किया जा रहा है. वहीं कांग्रेस ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि फेसबुक की सामग्री से जुड़ी नीतियां भाजपा का पक्ष लेने वाली हैं.

  5. वहीं, फेसबुक इंडिया की वरिष्ठ अधिकारी आंखी दास ने दिल्ली पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज करा कर यह आरोप लगाया है कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि (दिल्ली पुलिस की) साइबर प्रकोष्ठ इकाई दास की शिकायत की जांच कर रही है. आंखी दास, फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी, भारत, दक्षिण और मध्य एशिया निदेशक हैं.

  6. उन्होंने कहा, ‘‘(पोस्ट की जा रही) सामग्री में, यहां तक कि मेरी तस्वीरें भी शामिल हैं और मुझे जान से मारने की और शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी दी जा रही है तथा मुझे अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का डर है. एक खबर के आधार पर सामग्री में मेरी छवि भी धूमिल की गई है और मुझे अपशब्द कहे जा रहे, साइबर धौंस दी जा रही तथा ऑनलाइन फब्तियां कसी जा रही हैं.''

  7. आंखी दास ने रविवार को शिकायत दर्ज कराई थी और आरोप लगाया है कि कई लोग उन्हें धमकी दे रहे हैं, अश्लील टिप्पणी कर रहे हैं और ऑनलाइन पोस्ट के जरिये उन्हें बदनाम कर रहे हैं. शिकायत के मुताबिक ये धमकियां (अमेरिकी समाचार पत्र) ‘वाल स्ट्रीट जर्नल' में 14 अगस्त 2020 को प्रकाशित एक आलेख से संबद्ध है. दास ने अपनी शिकायत में कहा है कि तब से उन्हें धमकियां मिल रही हैं.

  8. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर में फेसबुक द्वारा भारत में (केंद्र में) सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर घृणा भाषण संबंधी नियमों को लागू करने में लापरवाही का दावा किये जाने के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू होने के बीच ये टिप्पणी आई है.

  9. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रिपोर्ट को लेकर भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फेसबुक तथा वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए ‘फर्जी खबरें' फैलाने का आरोप लगाया. इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दल को कैंब्रिज एनालिटिका मुद्दे की याद दिलाने का प्रयास किया.

  10. कांग्रेस ने रिपोर्ट में लगाये गये आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग करते हुए कहा कि ये भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद के लिए खतरा हैं और इनकी जांच की जानी चाहिए. प्रसाद ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ‘‘जो हारने वाले लोग अपनी ही पार्टी में लोगों को प्रभावित नहीं कर सकते, वे ऐसा माहौल बनाते रहते हैं कि पूरी दुनिया पर भाजपा और आरएसएस का नियंत्रण है.''



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)