शकूर बस्ती मामला : ठंड से जूझता परिवार, खुले आसमान के नीचे हुआ नवजात का जन्म

शकूर बस्ती मामला : ठंड से जूझता परिवार, खुले आसमान के नीचे हुआ नवजात का जन्म

दिल्ली की शकूर बस्‍ती में एक बच्ची ने जन्म लिया

नई दिल्ली:

घर से बेघर हुए दिल्ली की शकूर बस्ती के सैकड़ों लोगों के लिए दिन तो जैसे-तैसे कट जाता है, पर रात कहर बनकर टूटती है। इस बस्ती में रहने वाले सैकड़ों लोगों की लगातार तीसरी रात भी ठिठुरन के बीच कटी। इस बीच यहां एक नई जिंदगी का जन्म हुआ है। खुले में पैदा हुई इस बच्ची के सिर पर छत नहीं है। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया।
 
रेलवे और दिल्ली पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई के बाद शकूर बस्ती की झुग्गियों में रहने वाले लोगों ने तीसरी रात भी खुले आसमान के नीचे बिताई। जरूरतों के अभाव में जीने को मजबूर इन लोगों को बस एक उम्मीद का सहारा है। दरअसल, पश्चिमी दिल्‍ली के शकूर बस्‍ती स्थित स्‍लम एरिया में रेलवे पुलिस द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में 500 झुग्गियों को गिरा दिया गया।

इस अतिक्रमण से हजारों लोगों ने अपने सिर से कच्ची-पक्की छत खो दिया है और कड़ाके की सर्दी में कई लोग बीमार हो गए हैं। इस पर रेलवे की सफाई यह है कि जिस जमीन पर झुग्गियां हैं, वहां नया यात्री टमिर्नल बनना है। लोगों को 9 महीने से लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं, लेकिन किसी ने भी ज़मीन खाली नहीं की। वहीं, इस मुद्दे पर पॉलिटिक्स भी शुरू हो गई है।

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