जब कृषि कानूनों पर गठित कमेटी को फैसला लेने का हक नहीं, तो पक्षपात कैसे होगा : सुप्रीम कोर्ट

कृषि कानूनों पर गठित कमेटी को लेेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें फैसला लेने का अधिकार नहीं है. हम आपसे दृष्टिकोण बदलने का अनुरोध कर रहे हैं.

जब कृषि कानूनों पर गठित कमेटी को फैसला लेने का हक नहीं, तो पक्षपात कैसे होगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर बनी कमेटी पर उठ रहेे सवालों का जवाब दिया (फाइल फोटो)

खास बातें

  • कमेटी के लोगों की छवि खराब करना गलत : सुप्रीम कोर्ट
  • कमेटी के लोगों को फैसला लेने का अधिकार नहीं दिया
  • CJI ने कहा- हम आपसे दृष्टिकोण बदलने को कह रहे हैं.

किसानों की  ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया है कि ये मामला दिल्ली पुलिस का है. इसी बीच एक किसान यूनियन ने कोर्ट में बहस कर कमेटी के सदस्यों के बारे में पक्ष रहना चाहा तो CJI ने कहा कि दवे के मुवक्किल ने कमेटी के बनने से पहले ही कमेटी के सामने न जाने का फैसला किया था. आप कौन हैं? SG ने दवे से पूछने को कहा -दवे किस यूनियन की तरफ से पेश हो रहे हैं. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा दवे कि वो 8 किसान यूनियनों की तरफ से पेश हो रहे हैं. दवे ने कहा कि किसान महापंचायत प्रदर्शनकारी यूनियनों में से नहीं है.प्रशांत भूषण ने कहा कि यूनियनों का कहना है कि हम कमेटी के समक्ष पेश नहीं होंगे. 

CJI ने दवे से पूछा- पिछली सुनवाई में आपने कहा था कि आप आदेश जारी न करें, हम पूछ कर बताएंगे. दवे ने कहा कि हम अगले दिन पेश नहीं हुए थे जिस दिन आदेश पारित हुए थे. CJI ने कहा कि ये सही नहीं है. CJI ने कहा कि आपको पेश होना चहिए. अगर कोई मामला आदेश के लिए लिस्टेड है तो पार्टी पेश नहीं होगी? CJI ने कहा कि ये आप क्या कर रहे हैं? दवे ने कहा कि  हमें लगा कि आदेश सुनाने के लिए मामला लिस्टेड था इसलिए पेश नहीं हुए थे.

कमेटी को फैसला लेने का अधिकार नहीं दिया, तो पक्षपात की बात कहां हुई

प्रशांत भूषण ने फिर सुप्रीम कोर्ट में कहा कि किसान संगठन जिनकी तरफ से हम पेश हो रहे हैं वो कमेटी के समक्ष पेश नहीं होंगे. CJI ने कहा कि कमेटी को हमने फैसला करने का अधिकार नहीं दिया है तो फिर पक्षपात की बात कैसे हुई. आप बिना सोचे समझे बयान देते हैं. किसी ने कुछ कहा तो वह अयोग्य हो गया ?  मान ने कानूनों को संशोधित करने के लिए कहा था. आप कह रहे हैं कि वे कानूनों के समर्थन में हैं

आप इस तरह के लोगों को ब्रांड नहीं कर सकते. लोगों की राय होनी चाहिए. यहां तक कि सबसे अच्छे न्यायाधीशों की भी कुछ राय होती है, जबकि वो दूसरी तरफ निर्णय भी देते हैं. इसके बाद किसान महापंचायत की तरफ से बहस शुरू हुई. मान के कमेटी से हटने के बारे में बताया और कमेटी पर सवाल उठाया. CJI ने कहा कि अगर व्यक्ति किसी मामले में अपनी एक राय रखता है तो इसका मतलब क्या? कभी कभी जज भी राय रखते हैं, लेकिन सुनवाई के दौरान वो अपनी राय बदलकर फैसला देते हैं. कमेटी के पास कोई अधिकार नहीं है तो आप कमेटी पर पूर्वाग्रह का आरोप नहीं लगा सकते. CJI ने कहा कि अगर आप कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना चाहते तो हम आपको बाध्य नहीं करेंगे.

कमेटी के लोगों की छवि खराब करना सही नहीं
सीजेआई ने कहा कि लेकिन इस तरह किसी की छवि को खराब करना सही नहीं है . आपको कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना, मत हो, लेकिन किसी को इस तरह ब्रांड न करें. CJI ने कहा कि पब्लिक ओपिनियन को लेकर अगर आप किसी की छवि को खराब करेंगे तो कोर्ट सहन नहीं करेगा. कमेटी के सदस्यों को लेकर इस तरफ चर्चा की जा रही है.
 हम केवल मामले की संवैधानिकता तय करेंगे.सीजेआई ने कहा कि आप बहुमत की राय के अनुसार लोगों को बदनाम करते हैं. अखबारों में जिस तरह की राय दिखाई दे रही है, हमें खेद है.

अगर कमेटी के समक्ष कोई पेश नहीं होता तो भी कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी

CJI ने कहा कि आपकी अर्जी में है कि कमेटी के सारे सदस्यों को बदला जाए. संगठन ने कहा कि न्यूज पेपर की रिपोर्ट पर कहा कि CJI ने कहा कि क्या वहां लिखा हुआ है कि वो इस विषय (कृषि) के बारे में नहीं जानते. CJI ने कहा कि कोर्ट ने किसी की नियुक्ति की है और उसको लेकर भी इस तरह की चर्चा है. फिर भी हम आपकी अर्जी पर नोटिस जारी करते है. AG को कहा कि आओ जवाब दाखिल करें.  सुप्रीम कोर्ट समिति के सदस्यों को बदलने की अर्जी पर अदालत ने नोटिस जारी किया है. साल्वे ने कहा कि आप अपने आदेश में ये साफ कीजिये कि ये कमेटी कोर्ट ने अपने लिए बनाई है. अगर कमेटी के समक्ष कोई पेश भी नहीं होता तो भी कमेटी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में देगी. एपी सिंह ने कहा कि कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व रिटायर्ड जज को शामिल किया जाए. 

कानून अभी लागू नहीं हैं
CJI ने भूषण से कहा कि आप इस समस्या का समाधान भी देखें. आप अपने मुवक्किल को शांति बनाए रखने का कहें. CJI ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस मामले का समाधान निकले. भूषण ने कहा कि ये कानून बिना किसी चर्चा के पारित हो गया. CJI ने कहा कि हम इस पर कुछ नहीं कहेंगे.  न्यायालय द्वारा इसे होल्ड कर लिया गया  है,  इसलिए अभी कुछ भी लागू नहीं है.

सीजेआई ने कहा- हम आपसे दृष्टिकोण बदलने का अनुरोध कर रहे हैं
भूषण ने कहा कि मान लीजिए की कोर्ट मामले की सुनवाई करते हुए बाद में कहता है कि कानून सही है और अपना आदेश वापस लेता है तो फिर क्या होगा?CJI ने कहा कि हम कैसे कह सकते है हम प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है. हां ये हो सकता है कि अगर हम अपना आदेश वापस लेते हैं तो आप प्रदर्शन फिर से शुरू कर सकते है. CJI ने आगे कहा कि 
हम आपसे अपना दृष्टिकोण बदलने का अनुरोध कर रहे है.


देखें वीडियो- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर फैसला दिल्ली पुलिस ही करे


 

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