" किसान नाराज, कृषि कानूनों पर दोबारा विचार करे केंद्र सरकार": मायावती

Congress नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि कानूनों को पारित कराए जाने से पहले सरकार को किसानों से बातचीत करनी चाहिए थी. बसपा सुप्रीमो ने भी कहा कि यह बेहतर होगा कि सरकार इस मामले में दोबारा सोचे. कृषि कानूनों को लेकर किसान उग्र और आंदोलित हैं. 

Farmers Protest - सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी किसानों का समर्थन किया है.

लखनऊ:

बसपा अध्‍यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती(Mayawati) ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया है. मायावती ने ट्वीट किया कि पूरे देश में किसान केंद्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों (Farm Laws) को लेकर काफी नाराज हैं. इन कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर जमा हैं. वे दिल्ली के रामलीला मैदान पर विरोध प्रदर्शन की इजाजत मांग रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने उन्हें 3 दिसंबर को बातचीत का न्योता दिया है.

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मायावती ने ट्वीट किया कि केंद्र सरकार किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए इन कानूनों पर पुनर्विचार करे तो बेहतर होगा.बसपा (BSP) के अलावा सपा (SP) और कांग्रेस (Congress) समेत उत्‍तर प्रदेश में कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है.Congress नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि कानूनों को पारित कराए जाने से पहले सरकार को किसानों से बातचीत करनी चाहिए थी. बसपा सुप्रीमो (BSP Supremo) ने भी कहा कि यह बेहतर होगा कि सरकार इस मामले में दोबारा सोचे. मायावती (Mayawati)ने कहा है कि कृषि कानूनों को लेकर किसान उग्र और आंदोलित हैं.  

पूर्व मुख्‍यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन किया. उन्होंने कहा था कि किसानों पर इस तरह की लाठी किसी ने नहीं चलाई होगी और इस तरह का आतंकी हमला किसी सरकार ने नहीं किया होगा, जैसा भाजपा की सरकार में हो रहा है. ये वही लोग हैं, जिन्‍होंने किसानों से कहा था कि वे सत्‍ता में आने पर उनके सिर्फ कर्ज माफ नहीं करेंगे बल्कि पैदावार की कीमत देंगे और आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन जबसे भाजपा सरकार आई है, तब से सबसे ज्‍यादा गरीब और किसान बर्बाद हुए हैं.

(भाषा के इनपुट के साथ) 

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