किसानों का कहना है कि सरकारी खरीद न के बराबर हो रही
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election) में किसानों की उपज भी बड़ा मुद्दा रही है. बिहार में धान की खरीद न होने पाने से किसान नाराज है. उनका कहना है कि धान (Paddy) की कुटाई भी शुरू हो चुकी है, लेकिन सरकारी खरीद अभी भी न के बराबर हो रही है. इससे उन्हें उपज को औने-पौने दामों पर बेचना पड़ रहा है.
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किसानों का कहना है कि धान की कटाई शुरू हो गई लेकिन सरकारी खरीद नहीं हो पाने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके कारण राज्य के किसानों को धान महज 800-900 रुपये प्रति कुंतल में बेचना पड़ रहा है. जबकि जून में ही केंद्र सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 53 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था. लेकिन बिहार के किसानों को ये लाभ नहीं मिल रहा है, जिससे उनमें नाराजगी है.
गौरतलब है कि बिहार चुनाव में सत्तापक्ष एनडीए और राजद की अगुवाई वाले महागठबंधन ने किसानों से जुड़े मुद्दों को जोरशोर से उठाया है. केंद्र सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों को लेकर भी दोनों पक्षों के बीच खूब आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला है. केंद्र का कहना है कि नए कानूनों से किसानों की एमएसपी को खत्म नहीं किया गया है, जैसा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है.